समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आसिम आजमी के बयान ने महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा विवाद को जन्म दे दिया है। कल्याण रोड चौड़ीकरण विवाद पर मीडिया से बात करते समय अबू ने मराठी में जवाब देने से इनकार कर दिया और केवल हिंदी में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मराठी बोलने की क्या आवश्यकता है और उत्तर प्रदेश के लोगों को मराठी कैसे समझ आएगी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मनसे ठाणे जिला अध्यक्ष परेश चौधरी ने कहा कि अबू आसिम महाराष्ट्र में राजनीति कर रहे हैं। अगर उन्हें मराठी बोलने में शर्म आती है तो मनसे अपनी शैली में जवाब देगा।
विषयसूची
मराठी में बोलने से इनकार
सपा विधायक अबू आसिम के इस कदम पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में राजनीति करने वाले नेताओं को मराठी भाषा आनी चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। यह पहला मौका नहीं है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। इससे पहले, जब राज्य सरकार ने तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य किया था, तब भी विपक्ष ने इसका विरोध किया था और सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था। बावजूद इसके, यह मुद्दा अब तक शांत नहीं हुआ है।
आई लव मोहम्मद” विवाद पर प्रतिक्रिया
इसके अलावा, अबू आसिम आजमी ने हाल ही में “आई लव मोहम्मद” विवाद पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई मुसलमान विरोध करता है तो उस पर लाठीचार्ज किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यहाँ कानून नहीं बल्कि सरकार का राज चलता है। उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस से कहा कि किसी भी समुदाय के अपमान के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहती है कि इस तरह के विवाद हों और हिंदू-मुसलमानों के बीच टकराव बढ़े।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

