🕒 Published 5 months ago (6:45 AM)
दक्षिण भारतीय खाना: इडली, डोसा, और सांभर बनाने की पारंपरिक विधि
भारत विविधता का देश है, और इसका सबसे सुंदर पहलू उसकी भोजन संस्कृति है। हर राज्य, हर कोना, अपने-अपने अनोखे स्वाद और परंपराओं के साथ अपनी पहचान बनाता है। इसी क्रम में दक्षिण भारतीय खाना अपनी विशिष्टता और स्वाद के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है। इडली, डोसा और सांभर दक्षिण भारतीय खाने के ऐसे व्यंजन हैं, जिन्हें न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में चाव से खाया जाता है। ये व्यंजन जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही सेहतमंद भी होते हैं। आइए जानते हैं इडली, डोसा और सांभर की पारंपरिक विधियों के बारे में और कैसे आप इन्हें अपने घर में आसानी से बना सकते हैं।
दक्षिण भारतीय खाना: स्वास्थ्य और स्वाद का संगम
दक्षिण भारतीय खाना न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें सेहत का भी ध्यान रखा जाता है। इडली, डोसा और सांभर जैसे व्यंजन अपने पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इडली और डोसा जहां किण्वित चावल और उड़द दाल से बनाए जाते हैं, वहीं सांभर दाल और सब्जियों का ऐसा संगम है जो शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है। इन व्यंजनों में तेल की मात्रा कम होती है, जिससे ये व्यंजन पाचन के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं।
अब आइए जानते हैं कि इन लोकप्रिय व्यंजनों की पारंपरिक विधियाँ क्या हैं और कैसे आप इन्हें अपने रसोईघर में बना सकते हैं।
इडली बनाने की पारंपरिक विधि
इडली दक्षिण भारतीय खाने का एक प्रमुख व्यंजन है, जिसे नाश्ते में खाया जाता है। यह एक नरम और स्पंजी चावल और दाल से बनी डिश है जिसे नारियल की चटनी और सांभर के साथ परोसा जाता है।
सामग्री:
- 2 कप चावल
- 1 कप उड़द दाल
- नमक स्वादानुसार
- पानी (बेटर बनाने के लिए)
विधि:
- सबसे पहले चावल और उड़द दाल को अलग-अलग पानी में 4-5 घंटे के लिए भिगो दें।
- भीगे हुए चावल और दाल को अच्छे से धोकर, मिक्सर में डालकर पीस लें। ध्यान रखें कि बेटर ज्यादा पतला न हो, इसका गाढ़ापन सही हो।
- बेटर को एक बर्तन में डालकर उसे 8-10 घंटे के लिए ढक कर रख दें ताकि वह किण्वित हो सके।
- बेटर जब फूल जाए, उसमें थोड़ा सा नमक मिलाएं।
- इडली स्टैंड में तेल लगाएं और बेटर को स्टैंड के खांचों में डाल दें।
- अब इसे 15-20 मिनट के लिए स्टीम में पकाएं।
- तैयार है गर्मागर्म इडली, इसे नारियल की चटनी और सांभर के साथ परोसें।
डोसा बनाने की पारंपरिक विधि
डोसा दक्षिण भारतीय खाने का एक और प्रमुख व्यंजन है जिसे पतले पैनकेक की तरह बनाया जाता है। इसे चावल और उड़द दाल के बेटर से बनाया जाता है और यह खासतौर पर नाश्ते में खाया जाता है।
सामग्री:
- 2 कप चावल
- 1 कप उड़द दाल
- 1/2 चम्मच मेथी दाना
- नमक स्वादानुसार
- पानी (बेटर के लिए)
- तेल (तवे पर लगाने के लिए)
विधि:
- चावल, उड़द दाल और मेथी दाना को अलग-अलग बर्तन में भिगो दें। इन्हें 4-5 घंटे के लिए भिगोएं।
- भिगने के बाद, चावल और दाल को पीसकर एक मुलायम बेटर तैयार कर लें। ध्यान रहे कि बेटर बहुत पतला न हो।
- इस बेटर को भी 8-10 घंटे के लिए किण्वित होने के लिए छोड़ दें।
- जब बेटर तैयार हो जाए, उसमें नमक मिलाएं।
- तवे को गर्म करें और थोड़ा तेल लगाएं। एक करछुल बेटर लेकर तवे पर गोलाकार आकार में फैलाएं।
- डोसे को एक तरफ से कुरकुरा होने तक पकाएं, फिर इसे पलटें और दूसरी ओर से भी हल्का सेंक लें।
- आपका कुरकुरा डोसा तैयार है। इसे आलू की मसालेदार फिलिंग (मसाला डोसा) के साथ या फिर सांभर और चटनी के साथ परोसें।
सांभर बनाने की पारंपरिक विधि
सांभर दक्षिण भारतीय खाना का ऐसा व्यंजन है जिसे इडली, डोसा या फिर चावल के साथ खाया जाता है। यह दाल और सब्जियों से मिलकर बनाया जाता है और इसका स्वाद ताम्रिंद की खटास और मसालों की मिठास के संगम से आता है।
सामग्री:
- 1 कप अरहर दाल
- 1 टमाटर (कटा हुआ)
- 1 प्याज (कटा हुआ)
- 1/2 कप कद्दू, बैंगन, गाजर (कटी हुई)
- 2 चम्मच सांभर मसाला
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 नींबू के आकार का इमली का टुकड़ा
- करी पत्ते
- राई (सरसों)
- 2-3 सूखी लाल मिर्च
- नमक स्वादानुसार
- तेल (तड़के के लिए)
विधि:
- अरहर दाल को अच्छे से धोकर कुकर में 3-4 सीटी लगाकर उबाल लें।
- एक पैन में तेल गर्म करें, उसमें राई और सूखी लाल मिर्च का तड़का लगाएं। फिर करी पत्ते और प्याज डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
- अब इसमें कटे हुए टमाटर और अन्य सब्जियाँ डालें। इन्हें हल्का भूनकर इमली का पेस्ट और सांभर मसाला डालें।
- सब्जियों के नरम होने के बाद, उबली हुई दाल इसमें मिलाएं और थोड़ा पानी डालकर उबालें।
- नमक और हल्दी डालकर 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
- आपका सांभर तैयार है। इसे इडली या डोसे के साथ परोसें।
दक्षिण भारतीय खाना: सेहत और स्वाद का मिलन
दक्षिण भारतीय खाना न केवल आपके स्वाद को संतुष्ट करता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इडली और डोसा किण्वित होते हैं, जो पेट के लिए अच्छे बैक्टीरिया प्रदान करते हैं। सांभर में सब्जियाँ और दालें होती हैं, जो प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती हैं। इस तरह से दक्षिण भारतीय खाना आपको ऊर्जा, पोषण और स्वाद का अद्भुत मेल प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
दक्षिण भारतीय खाना एक ऐसी कला है, जो हर रसोई में अपनाई जा सकती है। इडली, डोसा और सांभर जैसे व्यंजन पारंपरिक होते हुए भी आज हर भारतीय के दिलों में अपनी जगह बना चुके हैं। इन्हें बनाना जितना आसान है, इनका स्वाद उतना ही अद्भुत होता है। अगर आप भी घर पर दक्षिण भारतीय खाना बनाना चाहते हैं, तो इन पारंपरिक विधियों का अनुसरण करें और अपने परिवार के साथ इस स्वादिष्ट सफर का आनंद लें।
अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।