🕒 Published 4 weeks ago (9:31 AM)
Somvati Amavasya 2025 : सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या को अत्यंत शुभ और पुण्यदायी तिथि माना गया है। जब अमावस्या का दिन सोमवार को पड़ता है, तब वह सोमवती अमावस्या कहलाती है। यह दिन खासतौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए समर्पित होता है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान, तर्पण और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।
इस बार कब है सोमवती अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार, मई महीने की सोमवती अमावस्या 26 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू होकर 27 मई की सुबह 8:31 बजे तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार, व्रत और धार्मिक कर्मकांड 26 मई को ही किए जाएंगे।
क्या करें इस दिन?
- ब्राह्म मुहूर्त में स्नान: सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। यह समय सुबह 4:03 से 4:44 बजे तक रहेगा। दूसरा ब्रह्म मुहूर्त 4:24 से 5:25 बजे तक होगा।
- पितृ तर्पण और दान: इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए जल में तिल डालकर तर्पण करें। साथ ही गरीबों को वस्त्र, मिठाई, चावल, दूध, मिश्री, चीनी और चांदी जैसी सफेद वस्तुओं का दान करें।
- अन्न दान और भोजन सेवा: किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
- शिव-पार्वती की पूजा: भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना से वैवाहिक जीवन में सुख-सौभाग्य बना रहता है और पति की आयु लंबी होती है।
क्या मान्यता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए तर्पण और दान से पितर प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। जिन परिवारों के पितृ संतुष्ट होते हैं, वहां कभी दरिद्रता नहीं आती।
Disclaimer : यह लेख विभिन्न ज्योतिषीय ग्रंथों, मान्यताओं और पंचांगों पर आधारित जानकारी प्रस्तुत करता है। Hindustan Uday इसकी पुष्टि नहीं करता है। पूजा-पाठ एवं धार्मिक उपायों को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।