Shubhanshu Shukla Return: अंतरिक्ष से धरती की ओर लौटे शुभांशु शुक्ला, ISS से सफलतापूर्वक अलग हुआ ड्रैगन यान

By Hindustan Uday

🕒 Published 3 weeks ago (8:41 PM)

Shubhanshu Shukla Return: भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में आज एक और ऐतिहासिक पल जुड़ गया है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अब धरती की ओर रवाना हो चुके हैं। ड्रैगन यान ने सफलतापूर्वक आईएसएस से अनडॉक कर लिया है, और अब शुक्ला समेत उनकी टीम कैलिफॉर्निया के समंदर में लैंडिंग के लिए बढ़ रही है।

25 जून को शुरू हुआ था शुभांशु का अंतरिक्ष सफर

एक्सियम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए उड़ान भरी थी। करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद वह 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे थे। वहां उन्होंने 18 दिन बिताए और इस दौरान उन्होंने न सिर्फ विज्ञान और अनुसंधान से जुड़े कार्य किए, बल्कि भारत का नाम भी अंतरिक्ष में ऊंचा किया।

कई महत्वपूर्ण प्रयोगों में लिया हिस्सा

अंतरिक्ष में रहने के दौरान शुभांशु ने कुल 12 वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें भारत के 7 एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स और नासा के 5 प्रोजेक्ट्स शामिल रहे। इन प्रयोगों का सीधा संबंध भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों से है, खासकर गगनयान मिशन के लिए इनका डेटा और अनुभव बेहद उपयोगी होगा।

कपोला मॉड्यूल से देखी पृथ्वी की खूबसूरती

शुभांशु ने ISS के कपोला मॉड्यूल, जिसमें 7 ऑब्जर्वेशन विंडो हैं, से पृथ्वी को कई एंगल्स से देखा और उसकी तस्वीरें और जानकारियां इकट्ठा कीं। उन्होंने अंतरिक्ष से पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रकाश, मौसम के बदलाव, बादलों की संरचना और समुद्रों की गतिविधियों का भी अवलोकन किया।

पीएम मोदी से की स्पेस कॉल, बताया ‘स्पेस से भारत’

अंतरिक्ष में रहते हुए शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉल के जरिए बात की। इस बातचीत में उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि अंतरिक्ष से भारत कितना भव्य और अद्भुत दिखाई देता है। उन्होंने यह भी बताया कि ISS में रहते हुए एक दिन में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देखने का अनुभव कैसा होता है।

वापसी की तैयारी पूरी, वीडियो में देखें अनडॉकिंग पल

अब जब उनका मिशन पूरा हो चुका है, तो ड्रैगन यान ने सफलतापूर्वक ISS से अनडॉक कर लिया है। इस प्रक्रिया का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें यान को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धीरे-धीरे अलग होते हुए देखा जा सकता है। शुभांशु और उनकी टीम अब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने की प्रक्रिया में हैं, जिसके बाद वे कैलिफॉर्निया के तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेंगे।

भारत के लिए गौरव का क्षण

शुभांशु शुक्ला की ये ऐतिहासिक यात्रा न केवल भारत की अंतरिक्ष शक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भावी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी प्रेरणास्रोत है। यह मिशन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण रहा, जिससे भारत के अंतरिक्ष अभियानों को नई दिशा मिलेगी।

अब पूरा देश शुभांशु की सुरक्षित वापसी की प्रतीक्षा कर रहा है। उनका यह साहसिक सफर आने वाले वर्षों में भारत को अंतरिक्ष में और मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

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