इस बार 30 दिन का होगा सावन! जानें कब-कब हैं श्रावण सोमवार और क्या है इसका महत्व

By Hindustan Uday

🕒 Published 1 month ago (10:40 PM)

श्रावण मास की शुरुआत होते ही भक्तों के मन में भगवान शिव के प्रति भक्ति की भावना उमड़ने लगती है। यह पावन महीना भोलेनाथ की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष उत्तर भारत में सावन 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से आरंभ होकर 9 अगस्त 2025 (शनिवार) तक चलेगा। यानी इस बार सावन पूरे 30 दिनों का रहेगा।

शिव भक्ति का अनुपम अवसर: श्रावण मास

सावन के महीने में शिव मंदिरों में विशेष रौनक देखने को मिलती है। शिवलिंग पर जल अर्पण, बेलपत्र, धतूरा, और भस्म चढ़ाना, साथ ही सोमवार व्रत रखना अत्यंत शुभ और पुण्यदायक माना जाता है।

इस बार सावन में पड़ेंगे कुल 4 सोमवार:

  1. 14 जुलाई 2025
  2. 21 जुलाई 2025
  3. 28 जुलाई 2025
  4. 4 अगस्त 2025

इन श्रावण सोमवारों का विशेष महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजन करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को संतान सुख, वैवाहिक सुख, स्वास्थ्य व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

पौराणिक मान्यता क्या कहती है?

शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब कालकूट विष निकला था, तब पूरी सृष्टि को संकट से बचाने के लिए भगवान शिव ने वह विष स्वयं पी लिया था। यह घटना सावन महीने में ही घटित हुई थी। विष धारण करने के कारण ही उनका नाम ‘नीलकंठ’ पड़ा। तभी से सावन को भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे पवित्र माह माना जाता है।

क्यों है श्रावण इतना खास?

  • शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
  • इस माह में शिवमंत्र का जाप, महामृत्युंजय मंत्र और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।
  • दान-पुण्य और सेवा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

सावन केवल धार्मिक आस्था का महीना नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और भगवान शिव की शरण में जाने का एक दिव्य अवसर है। इस वर्ष 30 दिन का यह श्रावण मास शिवभक्तों के लिए एक अनमोल सौगात की तरह है। तो आइए, इस पवित्र महीने में श्रद्धा और भक्ति के साथ नीलकंठ महादेव की पूजा-अर्चना कर अपने जीवन को शुभता से भर दें।

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