🕒 Published 2 months ago (8:23 AM)
Baba Bageshwar, मुंबई। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने बाबा बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय लेख में धीरेंद्र शास्त्री को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ‘हिंदुत्व ब्रांड एंबेसडर’ बताते हुए उनके ‘हिंदू ग्राम’ के विचार को ‘शर्मनाक’ और विभाजनकारी करार दिया गया है।
सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लिखा है कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे बाबा देश को बांटने वाली राजनीति का चेहरा बनते जा रहे हैं। लेख में तीखा आरोप लगाया गया कि BJP धर्म के नाम पर देश को पाकिस्तान की राह पर ले जाना चाहती है और धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग इसी एजेंडे का हिस्सा हैं।
धार्मिक ध्रुवीकरण और संविधान का उल्लंघन
संपादकीय में यह भी कहा गया है कि वक्फ विधेयक जैसे कानूनों के जरिए भाजपा देश में धार्मिक ध्रुवीकरण कर रही है। लेख में रामनवमी के दौरान निकली शोभायात्राओं में हुई कथित अराजकता का भी जिक्र है, जिसमें कहा गया कि जुलूसों के दौरान मुसलमानों के खिलाफ नारेबाज़ी की गई, जो भारतीय संविधान और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।
‘धर्म निजी होना चाहिए, राष्ट्रवाद नहीं’
‘सामना’ ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 का हवाला देते हुए लिखा कि धर्म को पारलौकिक और व्यक्तिगत सीमाओं तक ही सीमित रहना चाहिए। धर्म को राष्ट्रवाद के रूप में प्रचारित करना संविधान के विरुद्ध है। लेकिन, जो लोग संविधान की बात करते हैं, उन्हें आज के दौर में ‘हिंदू विरोधी’ और ‘देशद्रोही’ करार दिया जा रहा है।
पीएम मोदी का समर्थन भी सवालों के घेरे में
संपादकीय में यह भी लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धीरेंद्र शास्त्री को ‘छोटा भाई’ कहने और उनके विचारों पर कोई टिप्पणी न करना यह संकेत देता है कि बाबा के बयान BJP के लिए स्वीकार्य हैं। सामना का आरोप है कि भाजपा बाबा बागेश्वर जैसे संतों का इस्तेमाल चुनावी और सांप्रदायिक लाभ के लिए कर रही है।
मणिपुर पर चुप्पी, वक्फ पर बहस
‘सामना’ ने यह भी सवाल उठाया कि संसद में मणिपुर की हिंसा पर चर्चा नहीं हुई, जबकि वक्फ विधेयक पर घंटों बहस हुई। इससे यह साफ होता है कि भाजपा जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाकर धर्म की ओर मोड़ना चाहती है।