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18 हजार की सैलरी में खुश थीं, दुबई की मोटी तनख्वाह में नहीं मिली संतुष्टि, महिला ने साझा किया दर्द

नई दिल्ली। बहुत से लोग विदेश में जाकर अच्छी सैलरी वाली नौकरी पाने का सपना देखते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अपने अनुभव साझा कर रही हैं कि भारत में कम सैलरी में खुश रहने वाली जिंदगी, विदेश में अच्छी कमाई के बावजूद उन्हें संतोष नहीं दे पाई।

 

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बेंगलुरु में शुरू हुई जिंदगी
दुबई में रहने वाली सीमा पुरोहित ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि बेंगलुरु में उनकी सैलरी सिर्फ 18 हजार रुपये थी, लेकिन तब भी वह खुश थीं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भावुक वीडियो शेयर किया है।

पीजी लाइफ और छोटी खुशियाँ
सीमा ने बताया कि बेंगलुरु में पीजी में रहकर उनकी जिंदगी कितनी सरल और खुशहाल थी। दोस्तों के साथ सस्ती शॉपिंग, कैंटीन में खाना, क्लब में नाच-गाना और थोड़ी बचत – यही उनकी खुशियों का हिस्सा था।

पहली सैलरी का सुख
सीमा कहती हैं, ‘मेरी पहली सैलरी सिर्फ 18 हजार थी, लेकिन उस समय मैं खुद को दुनिया की सबसे अमीर इंसान समझती थी। उस खुशी का अनुभव अद्भुत था।’

दुबई में कॉर्पोरेट जीवन
बेहतर अवसरों और ऊंची सैलरी की तलाश में सीमा दुबई चली गईं। वहां उन्होंने अच्छी कमाई की, लेकिन कॉर्पोरेट भागदौड़ और अकेलेपन ने उनके जीवन से खुशियाँ छीन लीं।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
सीमा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना कॉर्पोरेट कल्चर की कठोर सच्चाई को उजागर करती है, जहां सफलता के पीछे भागते हुए मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है।

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