Shashi Tharoor on Rahul Gandhi: ‘भारत को किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं’, राहुल के ‘सरेंडर’ बयान पर शशि थरूर का पलटवार

By Hindustan Uday

🕒 Published 2 months ago (11:35 AM)

Shashi Tharoor on Rahul Gandhi: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार पर लगाए गए “सरेंडर” के आरोप पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तीखा पलटवार किया है। वॉशिंगटन डीसी में भारत के आउटरिच मिशन की अगुवाई कर रहे थरूर ने स्पष्ट कहा कि भारत को किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति सम्मान, पर मध्यस्थता कभी नहीं मांगी

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शशि थरूर से पूछा गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता की कोशिशों का मुद्दा लगातार उठ रहा है, जिस पर उनकी पार्टी भी सवाल उठाती रही है। इस पर थरूर ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति हमारे मन में बहुत सम्मान है। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा।”

थरूर ने आगे जोर दिया, “वहीं दूसरी ओर, अगर वे (पाकिस्तान) आतंकी ढांचे को नष्ट करना चाहते हैं, तो हम उनसे बात कर सकते हैं। अगर वे गंभीर कदम उठाते हैं और ऐसा दिखाते हैं कि वे भारत के साथ सामान्य रिश्ते रखना चाहते हैं, तो हम निश्चित तौर पर बात करने को तैयार हैं। इसके लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है।”

राहुल गांधी का ‘सरेंडर’ आरोप: ‘ट्रंप का एक फोन आया और मोदी जी ने तुरंत सरेंडर कर दिया’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ के दौरान आरोप लगाया था कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सरेंडर कर दिया”

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, “ट्रंप का एक फोन आया और नरेन्द्र (मोदी) जी ने तुरंत सरेंडर कर दिया- इतिहास गवाह है। यही भाजपा-आरएसएस का चरित्र है, ये हमेशा झुकते हैं।” राहुल ने 1971 के युद्ध का हवाला देते हुए कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अमेरिकी धमकियों के बावजूद नहीं झुकीं, जबकि अमेरिका ने अपना सातवां बेड़ा भेजा था। उन्होंने कहा, “भारत ने 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था। कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां ‘सुपरपावर्स’ से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं।”

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह भाजपा-आरएसएस के लोगों को अच्छी तरह से जानते हैं, और “यदि आप थोड़ा भी दबाव डालते हैं और उन्हें थोड़ा सा धक्का देते हैं, तो वे डर के मारे भाग जाते हैं।” उन्होंने कहा कि गांधी, नेहरू और पटेल ने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया, उन्होंने महाशक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। भाजपा और आरएसएस का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि आजादी के बाद से ही उन्हें ‘समर्पण पत्र’ लिखने की आदत रही है।

बीजेपी का पलटवार: ‘सेना का अपमान, बीमार मानसिकता’

राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में ‘सरेंडर’ संबंधी टिप्पणी कर सशस्त्र बलों का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को कमतर आंकने के समान है।

त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने पड़ोसी देश के समर्थन में बोलने के मामले में पाकिस्तानी सेना प्रमुख, उसके प्रधानमंत्री और वहां के आतंकवादी सरगनाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने राहुल गांधी के कटाक्ष को एक “बीमार और खतरनाक मानसिकता” का प्रतीक बताया। त्रिवेदी ने भारत विभाजन, चीन और पाकिस्तान द्वारा भारतीय भूभाग पर कब्जा करने जैसी कांग्रेस शासनकाल की ऐतिहासिक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इतिहास नेहरू-गांधी परिवार के ऐसे ‘आत्मसमर्पणों’ से भरा पड़ा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए उन्हें “भारत मां के ‘मृगेंद्र’ (शेर)” बताया और कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस का आत्मसमर्पण का इतिहास हो सकता है, लेकिन भारत कभी किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा।”

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