🕒 Published 2 months ago (3:59 PM)
Sharmistha Panoli Case: हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार हुई इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली का मामला अब दो राज्यों की पुलिस के बीच तकरार का कारण बन गया है। एक ओर जहां पश्चिम बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा को धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, वहीं अब असम पुलिस भी इस केस में कूद पड़ी है – लेकिन इस बार निशाने पर हैं वजाहत खान, जिन्होंने पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
असम पुलिस का ऐक्शन मोड
सूत्रों के मुताबिक, गुवाहाटी से एक पुलिस टीम कोलकाता रवाना हो चुकी है। यह टीम वजाहत खान को गिरफ्तार करने के इरादे से पहुंची है। खान पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले बयान दिए और एक धार्मिक स्थल को लेकर विवादित टिप्पणी की। पानबाजार साइबर क्राइम थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज है।
दोहरे आरोपों की चपेट में वजाहत
दिलचस्प बात यह है कि वजाहत खान वही व्यक्ति हैं जिन्होंने पुणे की लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन अब खुद उन पर भी धार्मिक भावनाएं भड़काने और हिंदू मान्यताओं का मजाक उड़ाने के आरोप लगे हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स और वायरल हो रहे वीडियो में कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली बातें सामने आई हैं।
कौन हैं वजाहत खान?
वजाहत खान कोलकाता स्थित रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक हैं। हाल ही में वायरल एक वीडियो में वे शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर जश्न मनाते नजर आए थे, लेकिन उसी के बाद से वे खुद विवादों में घिर गए हैं। उन पर दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता समेत कई शहरों में शिकायतें दर्ज हुई हैं।
मामला क्या है?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में चले ऑपरेशन सिंदूर मिशन को लेकर देशभर में प्रतिक्रियाएं आई थीं। शर्मिष्ठा ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कुछ बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए। आरोप है कि इस वीडियो में उन्होंने एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बाद कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में वजाहत ने शिकायत दर्ज कराई और फिर उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया।
शर्मिष्ठा की माफी और न्यायिक हिरासत
वीडियो के विवादों में आने के बाद शर्मिष्ठा ने 15 मई को वीडियो हटाकर सोशल मीडिया पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था और वे भविष्य में सतर्क रहेंगी। लेकिन 31 मई को कोलकाता की अलीपुर सीजेएम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
कोर्ट से बाहर निकलते हुए शर्मिष्ठा ने मीडिया से कहा, “यह लोकतंत्र नहीं है,” और अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए।