Shankaracharya Avimukteshwaranand on Rahul Gandhi : राहुल गांधी को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया हिंदू धर्म से बाहर, मनुस्मृति पर टिप्पणी को लेकर जताई आपत्ति

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (5:39 AM)

डेस्क 6 मई 2025। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हरिद्वार के कनखल स्थित मठ में मीडिया से बातचीत के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सनातन धर्म के धर्मग्रंथ मनुस्मृति के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण हिंदू धर्म से बाहर कर दिया गया है।

तीन बार भेजा गया था नोटिस

शंकराचार्य ने बताया कि प्रयागराज कुंभ के दौरान राहुल गांधी ने संसद में मनुस्मृति को लेकर आपत्तिजनक बातें कहीं थीं। इसके बाद साधु-संतों की ओर से राहुल गांधी को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया था। पहले नोटिस के बाद एक महीना इंतजार किया गया, जब कोई जवाब नहीं आया तो दोबारा रिमाइंडर भेजा गया। तीसरी बार भी कोई उत्तर न मिलने पर तीन महीने के भीतर उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का निर्णय लिया गया।

सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं

शंकराचार्य ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस तरह से मनुस्मृति को लेकर संसद में बयान दिया, वह न केवल धर्मग्रंथों का अपमान है, बल्कि सनातन परंपरा के विरुद्ध भी है। उन्होंने कहा कि संविधान भी यही कहता है कि किसी भी धर्म की भावनाओं को ठेस न पहुंचाई जाए। इसलिए यह निर्णय केवल धार्मिक मान्यताओं की रक्षा के लिए लिया गया है।

वक्फ बोर्ड पर भी तीखी प्रतिक्रिया

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वक्फ बोर्ड को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में भूमि की भारी कमी है और वक्फ बोर्ड ने कई स्थानों पर जमीन पर कब्जा कर रखा है। उन्होंने मांग की कि सरकार को वक्फ बोर्ड को खत्म कर देना चाहिए, केवल उसमें संशोधन करने से काम नहीं चलेगा।

चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की सराहना

शंकराचार्य ने चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि यात्रा अब तक बहुत ही सुगम और सुरक्षित तरीके से संचालित हो रही है और उम्मीद जताई कि आगे भी इसी तरह यात्रा जारी रहेगी।

राहुल गांधी का संसद में क्या था बयान

लोकसभा में हाथरस कांड का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि पीड़िता के परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है और बलात्कार के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मनुस्मृति में ऐसे अन्यायों को जायज ठहराया गया है जबकि भारतीय संविधान ऐसा नहीं कहता। राहुल गांधी के इस बयान पर धार्मिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

शंकराचार्य का तर्क – जो मनुस्मृति को नहीं मानता, वह हिंदू नहीं

शंकराचार्य ने कहा कि राहुल गांधी की बातों से स्पष्ट है कि वे मनुस्मृति को “तुम्हारी किताब” कहकर स्वयं को उससे अलग बताते हैं। जबकि हिंदू धर्म में मनुस्मृति समेत 18 स्मृतियों को धर्मशास्त्र माना जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति इन ग्रंथों को नहीं मानता, वह स्वयं को हिंदू कैसे कह सकता है? इसी आधार पर उन्हें हिंदू धर्म से बाहर घोषित किया गया।

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