Sensex-Nifty Crashes: फरवरी में ₹6.64 लाख करोड़ स्वाहा, निवेशकों में हाहाकार
नई दिल्ली: फरवरी 2025 का महीना भारतीय शेयर बाजारों के लिए भारी साबित हुआ, जब Sensex-Nifty Crashes ने मिनटों में निवेशकों के करोड़ों रुपये स्वाहा कर दिए। इस बार बाजार की गिरावट ने निवेशकों के चेहरे पर खून के आंसू ला दिए हैं, क्योंकि सिर्फ एक महीने में निवेशकों की संपत्ति से 6.64 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।
शुक्रवार को हुए इस बड़े बाजार क्रैश ने निवेशकों के बीच हाहाकार मचा दिया। Sensex-Nifty Crashes के चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.46 लाख करोड़ रुपये घट गया, जिससे भारी नुकसान दर्ज किया गया। घरेलू शेयर बाजारों में ऐसी बड़ी गिरावट निवेशकों के विश्वास को कमजोर कर रही है।
Sensex-Nifty Crashes: बाजार में भारी गिरावट की वजहें
शुक्रवार की सुबह बाजार खुलते ही निवेशकों के सामने लाल निशान दिखाई दिए। Sensex-Nifty Crashes के कारण सेंसेक्स 1000 अंक गिर गया और निफ्टी 273 अंक तक नीचे चला गया। यह गिरावट विदेशी बाजारों से आई नकारात्मक खबरों के कारण आई, खासकर अमेरिका के बाजार में आई उतार-चढ़ाव की वजह से भारतीय बाजारों पर दबाव बना।
साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों ने भी निवेशकों की धड़कनें बढ़ा दीं। बाजार में यह गिरावट कई कारणों से जुड़ी हुई है, जैसे कि आर्थिक वृद्धि में धीमापन, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और तकनीकी शेयरों में गिरावट।
बैंकों और IT सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर
इस बार के Sensex-Nifty Crashes में सबसे ज्यादा प्रभाव बैंकिंग और IT सेक्टर पर पड़ा। कई बड़े शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। Nifty IT इंडेक्स के शेयरों में करीब 4% की गिरावट आई, जिसमें टेक महिंद्रा, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, और एम्फेसिस के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
सिर्फ IT सेक्टर ही नहीं, बल्कि बैंकिंग, मेटल, फार्मा और ऑयल एंड गैस सेक्टर के इंडेक्स भी 1-2% तक की गिरावट में रहे। निवेशकों को उम्मीद थी कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन कुछ स्थिरता आएगी, लेकिन बाजार खुलते ही भारी गिरावट ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
Sensex-Nifty Crashes: निवेशकों की प्रतिक्रिया
शेयर बाजार के इस भारी क्रैश के बाद निवेशकों में चिंता और हताशा का माहौल है। कई छोटे और मझोले निवेशकों को इस गिरावट ने भारी नुकसान पहुंचाया है। जिन लोगों ने लघु अवधि के निवेश किए थे, वे अब अपने निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह Sensex-Nifty Crashes एक अस्थायी स्थिति है और जैसे ही अमेरिकी बाजारों में स्थिरता आएगी, भारतीय बाजारों में भी सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि, इस गिरावट ने निवेशकों को गहरे सदमे में डाल दिया है और उन्हें अपने निवेश के निर्णयों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है।
Sensex-Nifty Crashes के पीछे के वैश्विक कारण
अमेरिकी बाजार में आई गिरावट का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा है। Nvidia जैसी चिप निर्माता कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे IT सेक्टर पर दबाव बढ़ गया है। इसके साथ ही, अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने उभरते बाजारों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है।
Sensex-Nifty Crashes के कारण वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने व्यापारिक जगत में भय का माहौल बना दिया है। उन्होंने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे बाजार में और भी अस्थिरता बढ़ सकती है।
निफ्टी और सेंसेक्स की वर्तमान स्थिति
सुबह 10 बजे तक बीएसई सेंसेक्स 1.34% गिरकर 73,602 पर आ गया, जबकि निफ्टी 1.21% की गिरावट के साथ 22,271 पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट के कारण बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 7.16 लाख करोड़ रुपये घटकर 385.94 लाख करोड़ रुपये हो गया।
यह लगातार पांचवां महीना है जब शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। 1996 के बाद यह पहला मौका है जब बाजार में लगातार पांच महीने तक गिरावट देखने को मिली है।
आर्थिक मंदी और निवेशकों की चिंता
मंदी की आशंकाओं के बीच Sensex-Nifty Crashes ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है। निवेशक अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद दिसंबर तिमाही के GDP आंकड़े जारी किए जाएंगे, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत होंगे।
Sensex-Nifty Crashes से बचाव के उपाय
इस समय निवेशकों को धैर्य रखने और अपने निवेश को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने की सलाह दी जा रही है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें समय के साथ सुधार आ सकता है।
निवेशकों को चाहिए कि वे अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाएं और जोखिम को कम करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करें। बाजार में गिरावट के समय घबराने के बजाय अपने निवेश पर ध्यान दें और लंबी अवधि के लिए अपनी रणनीति बनाएं।
आने वाले दिनों में बाजार की संभावनाएं
भले ही Sensex-Nifty Crashes ने बाजार में हलचल मचा दी हो, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है। आने वाले दिनों में अमेरिकी बाजारों में स्थिरता आने से भारतीय बाजारों में भी सुधार की संभावना है।
साथ ही, आगामी GDP आंकड़े भी बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यदि आर्थिक आंकड़े सकारात्मक आते हैं, तो बाजार में तेजी लौट सकती है और निवेशकों को राहत मिल सकती है।
निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
इस समय निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे घबराहट में अपने निवेश को न बेचें। बाजार में गिरावट के समय संयम बनाए रखना और लंबी अवधि के लक्ष्यों पर ध्यान देना सबसे बेहतर रणनीति हो सकती है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस तरह के Sensex-Nifty Crashes के समय निवेशकों को अपनी निवेश योजनाओं की समीक्षा करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर फाइनेंशियल सलाहकार से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।
निष्कर्ष
फरवरी 2025 का महीना भारतीय शेयर बाजारों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। Sensex-Nifty Crashes ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है और बाजार में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है और आने वाले समय में सुधार की संभावना है।
निवेशकों को चाहिए कि वे धैर्य रखें, अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाएं, और लंबी अवधि के लिए अपनी निवेश योजनाओं पर ध्यान दें। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है और समय के साथ इसमें सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
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