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हरियाणा में स्कूल बसों की सुरक्षा बढ़ी: अब बिना फिटनेस और पुलिस वेरिफिकेशन के बसें नहीं चलेंगी

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने स्कूल बसों की सुरक्षा और बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नया फैसला लिया है। अब सड़क पर स्कूल बसों को रैंडम चेकिंग के लिए नहीं रोका जाएगा, बल्कि आरटीए अधिकारी सीधे स्कूलों में आकर बसों की जांच करेंगे। यह निर्णय बच्चों, स्कूल और पेरेंट्स से मिले फीडबैक के आधार पर लिया गया है।

पूर्व में रास्तों पर होने वाली अचानक चेकिंग के कारण बस में सवार बच्चों को गर्मी में घंटों परेशान होना पड़ता था। कई बच्चे रोते और घबरा जाते थे, और लेट होने पर पेरेंट्स शिकायत करते थे। इस फीडबैक को ध्यान में रखते हुए अब बसों की ऑन रोड रैंडम चेकिंग समाप्त कर दी गई है।

10 दिन में पालन करना होगा ‘सुरक्षित स्कूल वाहन नीति’

आरटीए ने सभी स्कूलों को 10 दिन के भीतर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार अपने सभी वाहनों को फिटनेस और सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाने का निर्देश दिया है। फरीदाबाद आरटीए के अधिकारी के अनुसार, चालक स्कूल वाहनों के प्रबंधन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ाई गई है।

कड़े नियम निजी वैन और ओवरलोडिंग के लिए

पिछले कुछ सालों में कई मामले सामने आए हैं, जहां निजी वाहन स्कूली वैन की तरह इस्तेमाल किए गए, चालक के पास कमर्शल लाइसेंस नहीं था, और बच्चों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। हरियाणा में औसतन एक प्राइवेट स्कूल में 15-20 वैनें होती हैं, कई स्कूलों में संख्या 50 से अधिक भी है। हर वैन में 7 बच्चों की क्षमता होती है, लेकिन चालक अधिक बच्चों को बैठा देते थे। अब यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को सख्ती बरतने का आदेश दिया गया है।

इस फैसले से स्कूल बस यात्राओं में सुरक्षा, सुविधा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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