SBI ATM Rules Change 2025: नए नियमों से जुड़ी बड़ी जानकारी

By Hindustan Uday

🕒 Published 4 months ago (11:57 AM)

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एटीएम से नकद निकासी और अन्य ट्रांजेक्शनों को लेकर अपने नियमों में अहम बदलाव किए हैं। यह कदम डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने और एटीएम शुल्क की प्रक्रिया को आसान बनाने के मकसद से उठाया गया है। ये नए नियम 1 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे।

अब ग्राहकों को उनके मासिक औसत बैलेंस के आधार पर एटीएम से फ्री ट्रांजेक्शन की संख्या तय की जाएगी। SBI के एटीएम से अब हर महीने 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन और अन्य बैंकों के एटीएम से 10 फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलेगी।

अगर किसी ग्राहक का औसत मासिक बैलेंस ₹25,000 से ₹50,000 के बीच है, तो उन्हें अन्य बैंकों के एटीएम से 5 फ्री ट्रांजेक्शन ही मिलेंगे। वहीं, जिन खातों में ₹1 लाख या उससे अधिक बैलेंस है, उन्हें SBI और अन्य बैंकों दोनों के एटीएम से अनलिमिटेड फ्री ट्रांजेक्शन का लाभ मिलेगा।

फीस कितनी देनी होगी?
मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पार करने के बाद, SBI के एटीएम से हर अतिरिक्त लेनदेन पर ₹15 + GST चार्ज लिया जाएगा। वहीं, दूसरे बैंकों के एटीएम से ट्रांजेक्शन करने पर ₹21 + GST का शुल्क लगेगा। बैलेंस इन्क्वायरी और मिनी स्टेटमेंट के लिए SBI एटीएम पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन अन्य बैंकों के एटीएम पर इसके लिए ₹10 + GST देना होगा।

RBI का नया निर्देश:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि 1 मई 2025 से फ्री लिमिट से ज्यादा एटीएम ट्रांजेक्शन पर शुल्क बढ़ाकर ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन किया जाएगा।

बैंकों की आमदनी पर असर:
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, SBI ने पिछले पांच वर्षों में एटीएम सेवाओं से ₹2,043 करोड़ का लाभ कमाया है। जबकि बाकी 9 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSBs) इस क्षेत्र में कुल ₹3,738.78 करोड़ का घाटा झेल चुके हैं। केवल पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक ही SBI जैसी स्थिति में हैं।

यह बदलाव आम ग्राहकों को उनके डिजिटल व्यवहार के प्रति प्रेरित करने के साथ-साथ बैंकिंग सिस्टम को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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