🕒 Published 3 weeks ago (12:54 PM)
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 2200 करोड़ रुपए के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज चार्जशीट के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। मलिक ने सीबीआई और ईडी से आग्रह किया है कि उनपर झूठे आरोप न लगाए जाएं और कहा कि वह एक कमरे के मकान में रह रहे हैं तथा खुद कर्ज में हैं।
मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि वे पिछले लगभग दो हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं और दो दिन पहले सीबीआई ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। उन्होंने कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और किसान मसीहा चौधरी चरणसिंह जी के सिद्धांतों के अनुसार अपने राजनीतिक जीवन में पूरी ईमानदारी से काम किया है। इस चार्जशीट से डरने वाला नहीं हूं। जिस टेंडर में मुझे फंसाया जा रहा है, उसके बारे में मैंने खुद प्रधानमंत्री मोदी को बताया था और भ्रष्टाचार के कारण उस टेंडर को कैंसल कर दिया था। यह टेंडर मेरे तबादले के बाद फिर से हुआ।”
मलिक ने प्रधानमंत्री मोदी और सीबीआई से सवाल किया कि जिस भ्रष्टाचार की उन्होंने जानकारी दी थी, उसकी जांच अब तक कहां पहुंची है। उन्होंने कहा, “अगर मेरी संपत्ति नहीं बढ़ी है तो मेरे ऊपर झूठे आरोप न लगाएं। मैं एक कमरे के मकान में रहता हूं और कर्ज में हूं। मोदीजी और आपकी एजेंसियों से विनम्र अनुरोध है कि मुझे झूठा साबित करने की कोशिश न करें और देशवासियों के मन में मेरे प्रति नफरत पैदा करने की कोशिश न करें। अगर हिम्मत है तो सच्चाई से जांच करवाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।”
उन्होंने आगे लिखा, “सत्य मेव जयते। मैं ईमानदारी और सच्चाई के साथ तानाशाही सरकार के सामने मजबूती से खड़ा हूं।”
नमस्कार देशवासियों।
मैं पिछले लगभग 2 सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हूं ओर अभी दो दिन पहले मोदी सरकार की ऐजेंसी सी बी आई ने मेरे ऊपर चार्जशीट दाखिल की है।
मैं अपने देशवासियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान का बेटा हूं ओर किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी द्वारा स्थापित…
— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) May 25, 2025
क्या है 2200 करोड़ रुपए का किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट घोटाला?
सीबीआई ने फरवरी 2024 में किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत सत्यपाल मलिक समेत छह लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। चार्जशीट में मलिक के अलावा ‘चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, निदेशक अरुण कुमार मिश्रा, एम.के. मित्तल, ‘पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड’ के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल और कंवलजीत सिंह दुग्गल को आरोपी बनाया गया है।
यह मामला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बन रहे इस हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में ठेका प्रक्रिया में गड़बड़ी से जुड़ा है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर एक खास कंपनी को सीधे ठेका दे दिया गया, जिससे परियोजना में पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।
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