🕒 Published 2 months ago (2:04 PM)
नई दिल्ली 21 अप्रैल 2025। कॉमेडियन समय रैना एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इससे पहले वह शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के एक एपिसोड में माता-पिता को लेकर की गई टिप्पणी के चलते आलोचना का सामना कर चुके हैं। अब, दिव्यांगता और गंभीर बीमारी को लेकर किए गए मजाक पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि रैना ने दिव्यांग व्यक्तियों और गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। याचिका में एक वीडियो क्लिप का हवाला दिया गया, जिसमें दृष्टिबाधित व्यक्ति और इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की ज़रूरत वाले एक शिशु का मज़ाक उड़ाया गया था।
कोर्ट ने न सिर्फ इस वीडियो क्लिप को आधिकारिक रिकॉर्ड पर लिया, बल्कि समय रैना को पक्षकार बनाए जाने की अनुमति भी दे दी है। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे मामलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, यूट्यूब से हटाने पड़े एपिसोड
समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, अपूर्वा मखीजा और आशीष चंचलानी को शो के विवादित कंटेंट के चलते आलोचना का सामना करना पड़ा। विवाद बढ़ने के बाद ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के सभी एपिसोड यूट्यूब से हटा दिए गए। इसके बावजूद कानूनी प्रक्रियाएं अभी भी जारी हैं।
28 अप्रैल को रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर सुनवाई
उधर, शो में शामिल एक अन्य कॉन्टेंट क्रिएटर रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में पासपोर्ट रिलीज़ की याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने इस याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई तय की है। रणवीर समेत सभी कलाकारों पर असम और महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज हैं, जिनमें उन्हें कोर्ट में पेश होना पड़ा है।
बढ़ती कानूनी चुनौतियां
समय रैना के लिए यह मामला एक और कानूनी सिरदर्द बनता दिख रहा है। पहले से चल रहे विवादों के बीच दिव्यांगों पर की गई टिप्पणी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे क्या दिशा निर्देश देता है।