Home » Blogs » Delhi High Court का अहम फैसला : सद्गुरु के नाम, आवाज और छवि के बिना इजाजत इस्तेमाल पर रोक

Delhi High Court का अहम फैसला : सद्गुरु के नाम, आवाज और छवि के बिना इजाजत इस्तेमाल पर रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के पक्ष में एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विभिन्न वेबसाइट्स और अज्ञात संस्थाओं को सद्गुरु के नाम, छवि, आवाज, और व्यक्तित्व के दुरुपयोग पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी सद्गुरु जग्गी वासुदेव आवाज, चेहरा, पहनावा, बोलने का अंदाज या और किसी भी तरीके से उनकी पहचान को बिना इजाजत इस्तेमाल नहीं कर सकता खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए।

ईशा फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया फैसला

दरअसल यह आदेश सद्गुरु और उनकी संस्था, ईशा फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका के बाद आया, जिसमें दावा किया गया था कि कई वेबसाइट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स उनकी छवि और नाम का उपयोग बिना अनुमति के उत्पादों को बेचने और निवेश योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं।

प्रतिष्ठा को नुकसान

न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की एकल पीठ ने कहा कि सद्गुरु की आवाज, नाम, हस्ताक्षर, छवि, और उनके विशिष्ट पहनावे ने उन्हें सबसे अलग पहचान दी है। कोर्ट ने माना कि इनका दुरुपयोग न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि आम जनता को भी गुमराह कर रहा है।

इससे पहले, मार्च 2025 में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक यूट्यूबर के खिलाफ भी आदेश पारित किया था, जिसमें उनकी ओर से बनाए गए एक वीडियो को अपमानजनक करार देते हुए हटाने का निर्देश दिया गया था. यह वीडियो, जिसका शीर्षक था ‘सद्गुरु एक्सपोज्ड: जग्गी वासुदेव के आश्रम में क्या हो रहा है?’, ने बिना सत्यापन के ईशा फाउंडेशन पर गलत आरोप लगाए थे।

ईशा फाउंडेशन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके संस्थापक की प्रतिष्ठा की रक्षा और जनता को भ्रामक सामग्री से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!
0Shares
Scroll to Top