🕒 Published 4 weeks ago (3:04 PM)
नई दिल्ली। राजस्थान के बूंदी जिले के देवपुरा गांव से ताल्लुक रखने वाले सचिन कुमार बैरवा ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की कठिन परीक्षा पास कर अपने गांव का नाम रोशन किया है। 25 वर्षीय सचिन अपने गांव के पहले ऐसे युवा बन गए हैं जिन्होंने CA बनकर एक मिसाल कायम की है।
सचिन की सफलता सिर्फ उनकी मेहनत की कहानी नहीं है, बल्कि उनके पिता हीरालाल बैरवा के त्याग और संघर्ष की गवाही भी है। सचिन की पढ़ाई के लिए उनके पिता ने तीन बीघा पुश्तैनी ज़मीन बेच दी। उस वक्त गांव में किसी को भी सीए कोर्स की जानकारी नहीं थी, लेकिन स्कूल में सचिन की प्रतिभा ने उनके पिता को ये कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
सचिन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से ली और बाद में पास के तलवास गांव में पढ़ाई जारी रखी। 2014 में वह बूंदी पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात ट्यूटर मनीष अग्रवाल से हुई। मनीष ने उन्हें कॉमर्स पढ़ने और चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की राह दिखाई।
सचिन ने CPT यानी कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट से तैयारी की शुरुआत की। मनीष की सलाह पर वह इंदौर गए और वहां दो साल की तैयारी के बाद नवंबर 2018 में अपने दूसरे प्रयास में पहला ग्रुप पास किया। इसके बाद जयपुर में उन्होंने तीन साल की आर्टिकलशिप पूरी की और साथ ही मुख्य परीक्षा की भी तैयारी जारी रखी।
वर्ष 2025 में आए नतीजों में सचिन ने 324 अंक प्राप्त किए और CA बनने की मंज़िल हासिल की। उन्होंने बताया कि कई लोगों ने उन्हें सरकारी नौकरी की तैयारी करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने अपना रास्ता खुद चुना और उस पर अडिग रहे।
सचिन का कहना है कि अब उनका सपना है कि वह अपने पिता द्वारा बेची गई ज़मीन से दोगुनी ज़मीन वापस खरीदें। उनके अनुसार यह सिर्फ ज़मीन नहीं, बल्कि पिता के बलिदान और सपने का सम्मान होगा।
आज गांव में सचिन की सफलता की चर्चा है, और लोग अब CA को एक बेहतर और सम्मानित पेशा मानने लगे हैं। सचिन की यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखने का साहस रखते हैं।