Russia Ukraine War : पुतिन युद्ध रोकना नहीं चाहते? रूस-यूक्रेन संघर्ष पर ट्रंप का बड़ा बयान

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By Rita Sharma

🕒 Published 2 months ago (3:25 PM)

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब इस युद्ध को खत्म करने के मूड में नहीं हैं। ट्रंप ने कहा कि हाल ही में यूक्रेन के रिहायशी इलाकों पर हुए हमलों का कोई औचित्य नहीं है और इससे साफ है कि पुतिन जंग जारी रखना चाहते हैं।

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रोम में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। ट्रंप ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में पुतिन द्वारा रिहायशी इलाकों, शहरों और कस्बों पर मिसाइल दागने का कोई कारण नहीं था। इससे लगता है कि वह युद्ध रोकने के इच्छुक नहीं हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि पुतिन से पारंपरिक तरीकों से नहीं, बल्कि कड़े आर्थिक प्रतिबंधों और बैंकिंग दबावों के ज़रिए निपटने की ज़रूरत है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि युद्ध को खत्म करने के लिए अब और प्रभावी कदम उठाने होंगे, क्योंकि “बहुत से निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।”

जेलेंस्की ने ट्रंप के साथ बैठक को बताया ऐतिहासिक

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने भी ट्रंप के साथ हुई बातचीत को बेहद सकारात्मक बताया। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए जेलेंस्की ने लिखा, “हमारी बैठक का मुख्य फोकस पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम पर रहा। यह एक बेहद प्रतीकात्मक बैठक थी, जिसकी बदौलत हम भविष्य में विश्वसनीय और स्थायी शांति की दिशा में बढ़ सकते हैं।”

जेलेंस्की ने उम्मीद जताई कि इस चर्चा के परिणाम जल्द सामने आएंगे और यूक्रेनी नागरिकों के जीवन की रक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

रूस ने जताई बातचीत की इच्छा

इसी बीच, रूस ने भी अपने रुख में नरमी का संकेत दिया है। मास्को में अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन के साथ “बिना किसी पूर्व शर्त” के वार्ता के लिए तैयार हैं। हालांकि, ट्रंप के बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देशों के बीच वार्ता की संभावनाएं किस दिशा में आगे बढ़ती हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दुनिया भर की नजरें इन कूटनीतिक प्रयासों पर टिकी हुई हैं। फिलहाल इतना तय है कि इस संघर्ष का हल अब भी चुनौती बना हुआ है।

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