करेंसी मार्केट में भारतीय रुपया लगातार तीसरे दिन डॉलर के मुकाबले मजबूती के साथ बंद हुआ। शुरुआती कारोबार में थोड़ी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन दिन के दूसरे हिस्से में रुपये ने रफ्तार पकड़ी और मजबूती के साथ क्लोजिंग की। इस तरह तीन दिन में रुपये ने करीब 50 पैसे से ज्यादा की बढ़त बना ली है।
विषयसूची
शुरुआती झटका, लेकिन अंत में बाजी मारी
दिन की शुरुआत में रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर खुला था। हालांकि बाद में यह गिरावट संभल गई और इंटरबैंक करेंसी एक्सचेंज में रुपया 87.07 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 6 पैसे मजबूत है। मंगलवार को भी रुपया 26 पैसे की तेजी के साथ बंद हुआ था। सोमवार से अब तक रुपये में लगातार मजबूती देखने को मिली है।
मजबूती की वजह क्या रही
विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये की यह तेजी कई वजहों से है। रूस और यूक्रेन के बीच शांति की उम्मीदों ने ग्लोबल मार्केट में निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। साथ ही अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ विवाद को लेकर तनाव कम होने की संभावना ने भी राहत दी है। इसके अलावा, जीएसटी रिफॉर्म और भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार ने निवेशकों का उत्साह बढ़ाया है।
तीन दिन का स्कोर
सोमवार को रुपया 20 पैसे चढ़ा, मंगलवार को 26 पैसे की मजबूती दिखी और बुधवार को 6 पैसे की बढ़त रही। इस तरह तीन दिनों में रुपया आधा रुपया यानी 50 पैसे से ज्यादा मजबूत हो चुका है।
आगे कैसा रहेगा रुख
विश्लेषकों का कहना है कि अगर ग्लोबल स्तर पर हालात स्थिर रहते हैं, तो रुपये में मजबूती बनी रह सकती है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में डॉलर-रुपया 86.60 से 87.30 के दायरे में रह सकता है। हालांकि 27 अगस्त को लागू होने वाले 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ के बाद करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
तेल और शेयर बाजार का प्रभाव
कच्चे तेल की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई। ब्रेंट क्रूड इस समय करीब 66.23 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं घरेलू शेयर बाजार भी लगातार पांचवें दिन मजबूत रहा। सेंसेक्स 213 अंक चढ़कर 81,857 पर और निफ्टी 69 अंक बढ़कर 25,050 पर बंद हुआ। इससे रुपये को भी सपोर्ट मिला।
अमेरिकी दबाव भी जारी
इसी बीच अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर आरोप लगाया कि वह रूसी तेल खरीदकर उसे मुनाफे के साथ दोबारा बेच रहा है। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिसमें 27 अगस्त से लागू होने वाला 25 फीसदी कच्चे तेल पर टैरिफ भी शामिल है। ऐसे में आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों का असर रुपये पर भी देखने को मिल सकता है।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

