कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर राज्यसभा में हंगामा, बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने, कार्यवाही स्थगित

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By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:21 AM)

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे को लेकर संसद के उच्च सदन राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। मामला तब गरमा गया जब केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के हाल ही में दिए गए बयान को लेकर सवाल खड़े किए। इस विवाद के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

बीजेपी का विरोध – धर्म के आधार पर आरक्षण अस्वीकार्य
बीजेपी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। राज्यसभा में नेता सदन जे.पी. नड्डा ने इस बहस में भाग लेते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद को संविधान की रक्षक बताती है, लेकिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई गुंजाइश नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने दक्षिण भारत में मुस्लिम समुदाय के लिए चार फीसदी आरक्षण लागू कर संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ किया है। साथ ही उन्होंने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के बयान को लेकर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो संविधान में बदलाव किया जाएगा।

जेपी नड्डा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से जवाब मांगते हुए कहा, “संविधान को बचाने की बात करने वाली कांग्रेस खुद इसकी धज्जियां उड़ा रही है। विपक्ष को स्पष्ट करना चाहिए कि वह संविधान की रक्षा करना चाहता है या उसे अपने हिसाब से बदलना चाहता है?”

 

कांग्रेस का पलटवार – संविधान से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी
बीजेपी के हमलों का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संविधान को कोई भी बदल नहीं सकता। उन्होंने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। खरगे ने सवाल उठाते हुए कहा, “हमने कब कहा कि हम संविधान बदलने जा रहे हैं? यह केवल एक राजनीतिक आरोप है।”

किरण रिजिजू ने डी.के. शिवकुमार के बयान पर सवाल उठाए
इस बहस को और तीखा करते हुए किरण रिजिजू ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार का बयान सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने मुस्लिम लीग की नीतियों को नकार दिया था, लेकिन कांग्रेस अब उन्हीं नीतियों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि क्या वह इस बयान पर कोई कार्रवाई करेंगे?

संसद में जारी रहेगा टकराव
इस मुद्दे पर संसद में राजनीतिक संग्राम तेज हो चुका है। बीजेपी इसे संविधान विरोधी बता रही है, तो कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा करार दे रही है। अब देखना होगा कि इस पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या यह बहस कोई नया मोड़ लेगी या फिर यह केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह जाएगी।

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