नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ESTIC) 2025 का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान, विकास और नवाचार (Research, Development and Innovation – RDI) फंड का शुभारंभ किया. यह कदम भारत में अनुसंधान और नवाचार को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है.
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निजी क्षेत्र को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया यह RDI फंड देश में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने और रिसर्च-इनोवेशन के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है. सरकार का लक्ष्य है कि भारत केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि नई तकनीकों और खोजों का निर्माता बने. इस फंड के माध्यम से युवा वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों को अनुसंधान और विकास में सहयोग दिया जाएगा.
‘कल्पना करो, नवाचार करो, प्रेरणा दो’ थीम के साथ सम्मेलन की शुरुआत
ESTIC 2025 की थीम “Imagine, Innovate, Inspire” रखी गई है, जो इस सम्मेलन की भावना को दर्शाती है. यह कार्यक्रम नीति निर्माताओं, शीर्ष वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षकों, स्टार्टअप संस्थापकों और रिसर्चर्स को एक साथ जोड़ने वाला मंच बन गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के पास युवाओं की सबसे बड़ी ताकत है और अब समय आ गया है कि विज्ञान और नवाचार के जरिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं.
तीन दिवसीय सम्मेलन में 3,000 से अधिक प्रतिभागी
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देश और विदेश से 3,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं. इनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रमुख वैज्ञानिक, इनोवेटर्स, नीति निर्माता और विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हैं. यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाएगा ताकि भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम को लगातार मजबूत किया जा सके.
विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया ऐतिहासिक कदम
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ESTIC सिर्फ एक सम्मेलन नहीं बल्कि एक ऐसा मंच है जो भारत के वैज्ञानिक प्रयासों को नई दिशा देगा. यह मंच उन क्षेत्रों की पहचान करेगा जहां सुधार की जरूरत है, साझेदारियों को मजबूत करेगा और विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी को राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं से जोड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह पहल भारत को “विज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था” की ओर ले जाने में मदद करेगी.
देश की विज्ञान नीति में नया अध्याय
सरकार की यह पहल भारत के विज्ञान एवं नवाचार इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है. पहले जहां अनुसंधान का मुख्य फोकस सरकारी संस्थानों तक सीमित था, वहीं अब निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स को भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाने का मौका मिलेगा. इस फंड के जरिए उच्च तकनीकी क्षेत्रों जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा.
11 प्रमुख विषयों पर होगी चर्चा
ESTIC 2025 में कुल 11 प्रमुख क्षेत्रों पर गहन चर्चा और प्रस्तुतीकरण किए जाएंगे:
- एडवांस्ड मटेरियल्स और मैन्युफैक्चरिंग
 - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
 - बायो-मैन्युफैक्चरिंग
 - ब्लू (ओशन) इकोनॉमी
 - डिजिटल कम्युनिकेशन
 - इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग
 - एग्री-टेक
 - एनर्जी
 - एनवायरनमेंट और क्लाइमेट
 - हेल्थ और मेडिकल टेक्नोलॉजी
 - क्वांटम साइंस और स्पेस टेक्नोलॉजी
 
विज्ञान, उद्योग और शिक्षा के बीच बनेगा नया पुल
कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिक लेक्चर, पैनल डिस्कशन, टेक्नोलॉजी शोकेस और इनोवेशन प्रेजेंटेशन आयोजित किए जा रहे हैं. इसका उद्देश्य विज्ञान, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच तालमेल को मजबूत करना है. युवा शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को यहां अपने इनोवेशन प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा जिससे उन्हें निवेश और सहयोग के नए अवसर मिल सकें.
भारत बनेगा ग्लोबल इनोवेशन हब
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को “ग्लोबल इनोवेशन हब” बनाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की ताकत उसके युवाओं में है और अगर उन्हें सही दिशा और संसाधन दिए जाएं तो भारत विश्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू सकता है.
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