Ran Samvad 2025, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा, “भारत एक शांति प्रिय राष्ट्र है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कोई हमें आंखें दिखाए और हम फिर भी शांतिप्रिय बने रहें । शांति बनाए रखने के लिए शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है । चौहान ने एक लैटिन कहावत का उदारहण दिया जिसमें यह स्पष्ट है कि – “अगर शांति चाहते हो, तो युद्ध के लिए तैयार रहो।” श्री चौहान मध्य प्रदेश के महू में आयोजित रण संवाद सेमिनार को संबोधित कर रहे थे । ऑपरेशन सिंदूर के बाद तीनों सेनाओं ने युद्ध पद्धति में इनोवेशन और रणनीति को लेकर राष्ट्रीय स्तर का रण संवाद 2025 आयोजित किया। इस सेमिनार में थल, जल और वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं।
#WATCH | "India has always stood on the side of peace. We are a peace-loving nation, but don't get mistaken, we cannot be pacifists. I think peace without power is utopian. I like to state a Latin quote which translates, 'if you want peace, prepare for war'…" says CDS General… pic.twitter.com/auyHR1fgWw
— ANI (@ANI) August 26, 2025
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देश की सुरक्षा और भविष्य की तैयारियों को लेकर विचार साझा,Ran Samvad 2025
इस मौके पर देश की सुरक्षा और भविष्य की तैयारियों को लेकर भी अहम विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति का समर्थक रहा है, लेकिन यह तभी संभव है जब उसके पास पर्याप्त शक्ति और तैयारी हो। अपने संबोधन में उन्होंने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। CDS चौहान ने बताया कि यह आधुनिक संघर्ष था जिससे हमें कई महत्वपूर्ण सीख मिलीं। उन्होंने कहा कि कई सुधार पहले ही लागू किए जा चुके हैं और कुछ पर काम चल रहा है। हालांकि, इस सेमिनार का उद्देश्य केवल इस ऑपरेशन की समीक्षा करना नहीं, बल्कि आगे की रणनीति तय करना है।
2035 तक ‘सुदर्शन चक्र’
सेमिनार में CDS चौहान ने भारत की रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ पर भी खुलकर चर्चा की। इसे भारत का अपना “आयरन डोम” या “गोल्डन डोम” कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने भी 15 अगस्त को इसका जिक्र किया था और लक्ष्य रखा था कि वर्ष 2035 तक यह सिस्टम तैयार हो जाएगा। यह देश के अहम सैन्य, नागरिक और राष्ट्रीय स्थलों को सुरक्षा प्रदान करेगा। जनरल चौहान ने बताया कि यह अत्याधुनिक प्रणाली दुश्मन की किसी भी हवाई चुनौती को पहचानने, ट्रैक करने और निष्क्रिय करने में सक्षम होगी। इसमें सॉफ्ट और हार्ड स्किल्स के साथ-साथ काइनेटिक व डायरेक्ट एनर्जी वेपन्स का इस्तेमाल किया जाएगा। उनके अनुसार, ‘सुदर्शन चक्र’ भारत की सुरक्षा ढाल और रणनीतिक ताकत दोनों के रूप में उभरेगा।
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