🕒 Published 2 weeks ago (7:55 PM)
हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर लगातार गंभीर होता जा रहा है। राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है और 230 से ज्यादा सड़कें पूरी तरह बंद हैं। इसके अलावा 81 बिजली ट्रांसफार्मर और 61 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे हजारों लोगों को बिजली और पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे अधिक प्रभावित जिले
राज्य में मंडी, कांगड़ा और कुल्लू सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं। अकेले मंडी में आज 153 सड़कें बंद रहीं, कुल्लू में 39 और सिरमौर में भी प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित है। सिरमौर के हेवनाके पास एनएच-707 को भूस्खलन के कारण बंद करना पड़ा है।
लगातार हो रही घटनाएं और सतर्कता
राज्य में अब तक 31 फ्लैश फ्लड, 22 बादल फटने की घटनाएं और 19 भूस्खलन दर्ज किए जा चुके हैं। मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिनों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। रविवार तक कई क्षेत्रों में भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
भारी आर्थिक क्षति
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक हिमाचल को मानसून के कारण 1220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। सड़क, पुल, बिजली और पेयजल से संबंधित बुनियादी ढांचे को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर पुल बह गए हैं और सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है। प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें और नदी-नालों से दूर रहें।