🕒 Published 1 week ago (5:12 PM)
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर लगाए गए आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने राहुल गांधी के सभी दावों को “निराधार” और “कानून के शासन का अपमान” बताया। आयोग ने कहा कि इन आरोपों से न केवल निर्वाचन प्रक्रिया की साख को ठेस पहुंचती है, बल्कि यह लाखों चुनाव कर्मियों और राजनीतिक दलों के अधिकृत एजेंटों के परिश्रम का भी अपमान है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को भेजे गए आधिकारिक जवाब में सभी तथ्यों को विस्तार से रखा गया था, जो आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। बावजूद इसके, बार-बार उन्हीं बिंदुओं को उठाया जाना तथ्यात्मक जानकारी की अनदेखी को दर्शाता है।
आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर क्या कहा?
चुनाव आयोग ने कहा कि—
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक कुल 6.40 करोड़ से अधिक वोटरों ने मतदान किया।
- औसतन प्रति घंटे लगभग 58 लाख वोट डाले गए।
- अंतिम दो घंटों में 65 लाख वोट पड़ना इस औसत के लिहाज से स्वाभाविक है।
इसके अलावा:
- हर मतदान केंद्र पर राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त अधिकृत एजेंटों की मौजूदगी में मतदान हुआ।
- कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी के एजेंट ने अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर या पर्यवेक्षकों के समक्ष कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई।
- मतदाता सूची जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के अनुसार तैयार की गई।
- 9.77 करोड़ मतदाताओं के खिलाफ केवल 89 प्राथमिक और 1 द्वितीय अपील ही दर्ज की गईं।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि:
“राजनीतिक दलों के 1,03,727 बूथ एजेंट नियुक्त किए गए थे, जिनमें से 27,099 कांग्रेस की ओर से थे। फिर भी मतदाता सूची को लेकर ऐसे निराधार आरोप कानून की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।”
राहुल गांधी ने लगाए थे गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में “मैच फिक्सिंग” जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए पांच चरणों में गड़बड़ी की बात कही थी—
- चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में हेरफेर
- फर्जी मतदाताओं को जोड़ना
- मतदान प्रतिशत को कृत्रिम रूप से बढ़ाना
- भाजपा के पक्ष में रणनीतिक रूप से फर्जी वोट डालना
- सबूतों को छिपाना
राहुल ने दावा किया कि “बीजेपी ने जानबूझकर चुनाव की निष्पक्षता से समझौता किया” और चेताया कि “महाराष्ट्र के बाद अगला नंबर बिहार का हो सकता है।”
चुनाव आयोग की चेतावनी
आयोग ने दो टूक कहा:
“देश के चुनाव कानूनों के अनुसार, पारदर्शी और सर्वमान्य प्रक्रिया से होते हैं। किसी भी राजनीतिक दल या नेता द्वारा फैलाई गई गलत जानकारी लोकतांत्रिक संस्थानों की विश्वसनीयता पर हमला है।”