चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय से ठहरे संगठनात्मक कामकाज में अब तेजी आने की उम्मीद है। इसी सिलसिले में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 4 जून को चंडीगढ़ का दौरा करेंगे। उनके इस दौरे को हरियाणा कांग्रेस को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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10 साल से संगठन विहीन कांग्रेस, अब तेज होगी कवायद
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी इस दौरे पर हरियाणा कांग्रेस के संगठन निर्माण को लेकर पार्टी नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। गौरतलब है कि पिछले एक दशक से हरियाणा कांग्रेस एक मजबूत संगठन खड़ा नहीं कर पाई है। अब राहुल गांधी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पार्टी को मजबूती देने के लिए कार्ययोजना बना सकते हैं।
बैठक में सभी एआईसीसी जिला पर्यवेक्षकों, पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद और विधायक भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान संगठन गठन की प्रक्रिया, जिम्मेदारियों के वितरण और आगामी रणनीति पर विस्तार से विचार-विमर्श होगा।
जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से पहले संगठनात्मक दिशा तय करेंगे राहुल
हरियाणा में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर 21 केंद्रीय पर्यवेक्षक पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं। लेकिन संगठनात्मक चयन प्रक्रिया को शुरू करने से पहले राहुल गांधी खुद पर्यवेक्षकों को दिशा-निर्देश देंगे कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है और किस आधार पर संगठन का पुनर्गठन किया जाना है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञ धीरेन्द्र अवस्थी का कहना है कि, “कांग्रेस की पिछली एआईसीसी बैठक में तय किया गया था कि साल 2025 संगठन निर्माण के लिए समर्पित होगा। राहुल गांधी का यह दौरा उसी रणनीति का हिस्सा है। हरियाणा कांग्रेस जिस संगठनात्मक ढांचे की बाट जोह रही थी, उसकी नींव इस बैठक में रखी जा सकती है।”
उम्मीदों की ओर देख रही हरियाणा कांग्रेस
राहुल गांधी की इस पहल से हरियाणा कांग्रेस में संगठन निर्माण को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। यदि यह कवायद सफल होती है, तो हरियाणा में कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सकती है।
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