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कांग्रेस अधिवेशन में गरजे राहुल गांधी – जातिगत जनगणना और वक्फ बिल पर केंद्र को घेरा

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन तीखे राजनीतिक हमलों और गूंजते नारों के बीच हुआ। अधिवेशन के दूसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी और केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग को दोहराया और हाल ही में पास हुए वक्फ संशोधन बिल को “एंटी-रिलीजन बिल” करार दिया।

राहुल गांधी के संबोधन की मुख्य बातें:

जातिगत जनगणना पर फिर जोर
राहुल गांधी ने कहा, “जातीय जनगणना सिर्फ आंकड़ा नहीं, यह देश के बहुसंख्यक तबकों की भागीदारी का सवाल है। यह देश का एक्स-रे है।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जानबूझकर इस मुद्दे से भाग रही है क्योंकि वह नहीं चाहती कि लोगों को ये पता चले कि सत्ता और संसाधनों में किसकी कितनी हिस्सेदारी है।

वक्फ संशोधन बिल पर हमला
राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “यह वक्फ संशोधन बिल फ्रीडम ऑफ रिलीजन और संविधान पर हमला है। यह RSS और बीजेपी की सोची-समझी साजिश है।” उन्होंने कहा कि सभी समुदायों को बराबर सम्मान मिलना चाहिए और कांग्रेस इसका समर्थन करती है।

तेलंगाना का उदाहरण देते हुए भेदभाव का मुद्दा उठाया
राहुल गांधी ने कहा कि “तेलंगाना में 90% आबादी ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक है, लेकिन मालिकों, CEOs और सीनियर मैनेजमेंट में इनका नाम कहीं नहीं दिखता।”

मल्लिकार्जुन खड़गे का हमला:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधिवेशन में कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार एक-एक करके सार्वजनिक क्षेत्रों को अपने उद्योगपति मित्रों को बेच रही है। वे कांग्रेस को कोसने में व्यस्त हैं, लेकिन देश की असली समस्याओं पर मौन हैं।”

अधिवेशन के राजनीतिक संकेत:

  • कांग्रेस अब जातीय जनगणना को अपने मिशन 2024 की केंद्रीय रणनीति बना चुकी है।
  • बीजेपी के वक्फ कानून को लेकर कांग्रेस अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दों पर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
  • राहुल गांधी की भाषा में अब और अधिक आत्मविश्वास और आक्रामकता दिख रही है, जो आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी का संकेत है।

 

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