🕒 Published 7 days ago (8:26 AM)
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर लगाए गए धांधली के आरोपों पर अब चुनाव आयोग (ECI) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “निराधार, बेतुका और कानून के शासन का अपमान” करार देते हुए खारिज कर दिया है।
दरअसल, राहुल गांधी ने हाल ही में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए महाराष्ट्र चुनाव को “लोकतंत्र में धांधली की साजिश” बताया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह “मैच फिक्सिंग” का हिस्सा है, जिसे बिहार और अन्य राज्यों में भी दोहराया जा सकता है, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ रहा है।
चुनाव आयोग का जवाब: “आरोप बेबुनियाद, कर्मचारियों का अपमान”
राहुल गांधी के इन आरोपों के जवाब में चुनाव आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि,
“इन आरोपों में कोई तथ्य नहीं है। कांग्रेस पार्टी की ओर से उठाई गई चिंताओं का विस्तृत जवाब पहले ही दिसंबर 2024 में आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जा चुका है।”
आयोग ने आगे कहा कि,
“बिना प्रमाण के इस तरह के दावे सिर्फ कानून का अपमान नहीं हैं, बल्कि वे हजारों राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त प्रतिनिधियों और लाखों चुनाव कर्मचारियों के मनोबल को भी ठेस पहुंचाते हैं, जो निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में जुटे रहते हैं।”
राहुल गांधी के आरोप क्या हैं?
राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनावों में फर्जीवाड़ा किया गया। उन्होंने कहा कि—
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फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े गए,
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मतदान प्रतिशत को जानबूझकर बढ़ाया गया,
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फर्जी मतदान की सुविधा दी गई,
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और सबूतों को दबाया गया।
राहुल गांधी ने दावा किया कि यह एक सुनियोजित योजना है, जिसे अब बिहार और उन अन्य राज्यों में दोहराया जाएगा जहां भाजपा कमजोर स्थिति में है। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की हत्या” की साजिश बताया।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन की जीत के बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। अब राहुल गांधी ने इस मामले को तूल देते हुए सीधे चुनाव आयोग पर “सत्तारूढ़ दल के लिए काम करने” का आरोप लगाया, जिससे एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
राहुल गांधी के आरोपों और चुनाव आयोग के जवाब से साफ है कि 2024 के महाराष्ट्र चुनावों को लेकर राजनीतिक तापमान फिर चढ़ गया है। जहां एक ओर कांग्रेस चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रही है, वहीं चुनाव आयोग इसे सिरे से खारिज करते हुए अपनी प्रक्रिया को निष्पक्ष और मजबूत बता रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर अन्य विपक्षी दल क्या रुख अपनाते हैं और चुनाव आयोग किसी स्वतंत्र जांच की दिशा में कोई कदम उठाता है या नहीं।