कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर ‘मनुवाद’ का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों से हुई बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें वे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर योग्य छात्रों को शिक्षा और नेतृत्व से वंचित रखने की साजिश कर रही है और ‘Not Found Suitable (NFS)’ का सहारा लेकर उन्हें दरकिनार किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि देशभर में OBC, SC और ST समुदायों के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर “Not Found Suitable” कहकर खारिज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह नया प्रकार का ‘मनुवाद’ है, जिसका उद्देश्य वंचित वर्गों को शिक्षा और नेतृत्व से दूर रखना है। राहुल ने कहा, “बाबासाहेब आंबेडकर ने शिक्षा को बराबरी का सबसे बड़ा हथियार बताया था, लेकिन मोदी सरकार उस हथियार को कुंद करने में लगी है।”
उन्होंने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में 60 फीसदी से अधिक प्रोफेसरों और 30 फीसदी से अधिक एसोसिएट प्रोफेसरों के आरक्षित पदों को NFS घोषित कर खाली छोड़ दिया गया है। यही हाल देश की आईआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी देखने को मिल रहा है। राहुल ने लिखा, “NFS संविधान पर हमला है, सामाजिक न्याय से धोखा है। यह सिर्फ नौकरी या शिक्षा की लड़ाई नहीं है, बल्कि सम्मान और हिस्सेदारी की लड़ाई है।”
वीडियो में राहुल गांधी DUSU (दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन) के छात्रों से मिलते हुए दिखते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा, “अब हम सब मिलकर BJP-RSS की हर आरक्षण विरोधी चाल का संविधान की ताकत से जवाब देंगे।” यह बातचीत दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में DUSU अध्यक्ष कार्यालय में हुई थी, जहां राहुल छात्रों के मुद्दे समझने और सामाजिक न्याय से जुड़ी समस्याओं पर संवाद के लिए पहुंचे थे।
मंगलवार को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के मौके पर राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नेहरू जी ने सशक्त और समावेशी भारत का सपना देखा था और उन्होंने सामाजिक न्याय, आधुनिकता, शिक्षा, संविधान और लोकतंत्र की मजबूत नींव रखी। उनका योगदान अमूल्य है और उनके आदर्श हमें हमेशा मार्गदर्शन देते रहेंगे।”
राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कड़ा एतराज जताया है। यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर कहा कि राहुल गांधी का यह दौरा संस्थागत प्रोटोकॉल का उल्लंघन था और वह इसकी निंदा करती है। यूनिवर्सिटी ने यह भी उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।
राहुल गांधी करीब एक घंटे तक कैंपस में मौजूद रहे, इस दौरान सुरक्षा कारणों से इलाके की घेराबंदी कर दी गई थी, जिससे एक प्रमुख छात्र संगठन का कामकाज प्रभावित हुआ। वहीं, भाजपा समर्थित छात्र संगठन ABVP ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सोमवार को ‘छात्र सम्मान मार्च’ निकाला और DUSU कार्यालय के बाहर उनका पुतला जलाकर प्रदर्शन किया।
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