🕒 Published 3 months ago (11:47 AM)
Rafale-M Fighter Aircraft Deal: भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की डील पर सोमवार को आधिकारिक मुहर लग गई है। इस समझौते के तहत भारत, फ्रांस से 26 राफेल मरीन विमान खरीदेगा, जिसका कुल मूल्य करीब 64,000 करोड़ रुपये है। यह डील भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इसे पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच अहम रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
राफेल मरीन विमानों की खरीद का अहम समझौता
राफेल मरीन विमान की यह डील फ्रांस की प्रमुख रक्षा कंपनी दसॉ एविएशन के साथ हुई है। सोमवार को एक डिजिटल कार्यक्रम के माध्यम से इस समझौते पर मुहर लगाई गई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इन विमानों को भारतीय विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा, जो भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोतों में से एक है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मिली मंजूरी
इस बड़े सौदे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) द्वारा मंजूरी दी गई थी। तीन सप्ताह पहले दी गई इस मंजूरी के बाद अब यह डील अंतिम रूप से संपन्न हुई है। डील के मुताबिक, अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच वर्ष बाद राफेल मरीन विमानों की आपूर्ति शुरू होगी।
डिफेंस मंत्रालय का महत्वपूर्ण कदम
जुलाई 2023 में, रक्षा मंत्रालय ने इस डील को लेकर लंबी चर्चा और मूल्यांकन परीक्षणों के बाद प्रारंभिक मंजूरी दी थी। इस डील के अंतर्गत भारतीय नौसेना को राफेल मरीन विमानों के साथ-साथ इनके हथियार प्रणालियां और सहायक उपकरण भी मिलेंगे। यह सौदा भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करेगा और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
पाकिस्तान से तनातनी के बीच रणनीतिक महत्व
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह राफेल मरीन विमान सौदा और भी अहम हो गया है। यह समझौता भारत की सैन्य शक्ति को समुद्र में और मजबूत करेगा, जिससे भारतीय नौसेना को पाकिस्तान और अन्य प्रतिद्वंद्वी देशों के खिलाफ मजबूती मिलेगी।
इस समझौते से भारत और फ्रांस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और प्रगाढ़ हुआ है, जो दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।