पाकिस्तान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के गाजा पीस प्लान को समर्थन देने के खिलाफ पांच दिनों से हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। देश के कई हिस्सों में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं, खासकर पंजाब प्रांत में। राजनीतिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने दावा किया है कि पुलिस की फायरिंग में 200 से अधिक कार्यकर्ता और नेता मारे गए हैं, जबकि 1,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालांकि, पाकिस्तानी प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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लाहौर से इस्लामाबाद तक सरकार विरोधी और गाजा समर्थक मार्च
TLP प्रमुख साद हुसैन रिजवी ने लाहौर से इस्लामाबाद तक सरकार विरोधी और गाजा समर्थक मार्च का नेतृत्व किया। इसी दौरान उन पर गोलीबारी हुई और उन्हें तीन गोलियां लगीं। फिलहाल वे अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। सोमवार को पंजाब प्रांत के कई इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इसमें 2 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। पुलिस ऑपरेशन रात 2 बजे से सुबह 7 बजे तक चला।
भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल
मुरीदके में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर सड़कें जाम कर दीं। सरकार ने शनिवार को हुए प्रदर्शनों के दौरान 170 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। TLP नेताओं का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी की और मीडिया कवरेज पर बैन लगाया गया है।
जब गुरुवार देर रात पुलिस ने TLP मुख्यालय पर छापा
विरोध की शुरुआत तब हुई जब गुरुवार देर रात पुलिस ने TLP मुख्यालय पर छापा मारकर साद रिजवी को गिरफ्तार करने की कोशिश की। साद वहां से बच निकले, लेकिन इस घटना ने पूरे पंजाब में हिंसा फैला दी। सुरक्षा बलों ने प्रमुख रास्तों को बंद कर दिया और रेड जोन को पूरी तरह सील कर दिया गया। TLP की स्थापना 2015 में खादिम हुसैन रिजवी ने की थी। वे सलमान तासीर हत्याकांड के दोषी मुमताज कादरी के समर्थक थे। 2016 में कादरी की फांसी के बाद TLP ने देशभर में ईशनिंदा कानून के समर्थन और फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों से सुर्खियां बटोरीं। खादिम की मौत के बाद 2021 में उनके बेटे साद रिजवी ने नेतृत्व संभाला।
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