Production Linked Incentive Scheme (PIL) उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा शुभारंभ की गई श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के चौथे दौर में 1,914 करोड़ रुपये के शुद्ध प्रतिबद्ध निवेश के साथ 13 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 से 10 नवंबर 2025 तक थी।
विषयसूची
छोटे और मध्यम उद्यमों का बढ़ता आत्मविश्वास,Production Linked Incentive Scheme
उल्लेखनीय रूप से, नए आवेदकों में से 50 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं और यह एयर कंडीशनर तथा एलईडी घटक विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में शामिल होने के लिए छोटे और मध्यम उद्यमों के बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है।
15 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के लिए प्रतिबद्ध
13 आवेदकों में से एक, श्वेत वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना का वर्तमान लाभार्थी है और यह 15 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के लिए प्रतिबद्ध है। कुल आवेदकों में से नौ आवेदकों ने एयर कंडीशनर के पुर्जों के निर्माण के लिए 1,816 करोड़ रुपये के संचयी निवेश के साथ आवेदन किया है।

पुर्जों के निर्माण के लिए 98 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव
यह कुल आवेदकों का 75 प्रतिशत है। ये निवेश तांबे की ट्यूब, एल्युमीनियम स्टॉक, कंप्रेसर, मोटर, हीट एक्सचेंजर, कंट्रोल असेंबली और अन्य उच्च-मूल्य वाले पुर्जों के निर्माण पर केंद्रित हैं। शेष चार आवेदकों ने एलईडी चिप्स, ड्राइवर और हीट सिंक सहित एलईडी पुर्जों के निर्माण के लिए 98 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
प्रस्तावित निवेश छह राज्यों के 13 जिलों और 23 स्थानों में विस्तारित है, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में योगदान मिलेगा।
लगभग 60,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा
अब तक, श्वेत वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना ने 80 स्वीकृत लाभार्थियों से 10,335 करोड़ रुपये का प्रतिबद्ध निवेश आकर्षित किया है। इस योजना से 1.72 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन होने और देश भर में लगभग 60,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 7 अप्रैल 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत, श्वेत वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना—जिसका कुल परिव्यय 6,238 करोड़ रुपये है—का उद्देश्य भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के लिए एक संपूर्ण घटक के रूप में इकोसिस्टम को स्थापित करना है।
Production Linked Incentive Scheme से प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनेगा
इस योजना से घरेलू मूल्यवर्धन को वर्तमान 15-20 प्रतिशत से बढ़ाकर 75-80 प्रतिशत करने का अनुमान है, जिससे भारत श्वेत वस्तुओं के लिए एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
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