प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम ‘सेवा तीर्थ’ हुआ

PMO becomes ‘seva teerth’, केंद्र सरकार ने कई बड़े सरकारी भवनों के नाम बदल दिए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’ रखा गया है।

PMO का शिफ्ट होना, PMO becomes ‘seva teerth’

प्रधानमंत्री का दफ्तर अब 78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से निकलकर नए आधुनिक कैंपस सेवा तीर्थ में शिफ्ट होने जा रहा है। यह बदलाव सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा है।

हाल ही में कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन सेवा तीर्थ-2 में सेना प्रमुखों के साथ मीटिंग भी कर चुके हैं।

सेवा तीर्थ में क्या-क्या होगा?

सेवा तीर्थ-1 → PMO

सेवा तीर्थ-2 → कैबिनेट सचिवालय

सेवा तीर्थ-3 → राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का कार्यालय

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट? PMO becomes ‘seva teerth’

इस प्रोजेक्ट में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के पूरे इलाके को री-डेवलप किया जा रहा है। इसमें शामिल है—

नया संसद भवन

नए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण

नया प्रधानमंत्री आवास

नया उप-राष्ट्रपति आवास

कई मंत्रालयों की नई इमारतें

इस प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में हुई थी। 10 दिसंबर 2020 को PM मोदी ने इसकी आधारशिला रखी। सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए लगभग 20,000 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। कर्तव्य पथ (पुराना राजपथ) के दोनों तरफ का पूरा क्षेत्र सेंट्रल विस्टा कहलाता है।

देश भर में मौजूद सभी राज्य भवन अब ‘लोक भवन’ कहलाएंगे। इसी तरह केंद्रीय सचिवालय भी अब ‘कर्तव्य भवन’ के नाम से जाना जाएगा।

सरकार का कहना है कि यह बदलाव सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक सोच का हिस्सा है। इसका मकसद ‘सत्ता’ की जगह ‘सेवा’ की भावना को बढ़ावा देना है।

पहले भी बदले गए थे कई नाम

राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया था।

प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास, जिसे पहले रेस कोर्स रोड कहा जाता था, उसका नाम 2016 में लोक कल्याण मार्ग रखा गया।

क्यों बदला गया राज भवन का नाम?

गृह मंत्रालय के मुताबिक, ‘राज भवन’ नाम औपनिवेशिक (ब्रिटिश दौर की) सोच को दर्शाता है। इसे हटाकर अब राज्यपालों और उप-राज्यपालों के दफ्तरों को ‘लोक भवन’ और ‘लोक निवास’ कहा जाएगा।

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