वक्फ संशोधन बिल पर पीएम मोदी का बयान – पारदर्शिता और न्याय की ओर बड़ा कदम

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By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:06 AM)

पीएम मोदी ने संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर संतोष व्यक्त किया और इसे सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जो लंबे समय से हाशिए पर हैं और जिनके पास अपनी आवाज उठाने और अवसर प्राप्त करने का उचित मंच नहीं था।

पारदर्शिता और जवाबदेही को मिलेगा बढ़ावा

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के कारण विवादों में रही है। इससे विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों को नुकसान हुआ है। उन्होंने इस विधेयक को पारित करने में योगदान देने वाले सभी सांसदों और संसदीय समिति को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत और अधिक समावेशी भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।” उन्होंने उन लोगों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने समिति को मूल्यवान सुझाव भेजे और इस विधेयक को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद की।

 

तेरह घंटे से अधिक लंबी चर्चा के बाद विधेयक पारित

राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को लंबी बहस के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से पारित किया गया। सरकार का दावा है कि यह विधेयक गरीब और पसमांदा मुसलमानों, खासकर महिलाओं के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। लोकसभा ने भी बुधवार देर रात करीब दो बजे इस विधेयक को मंजूरी दी थी।

विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा प्रस्तावित कई संशोधनों को उच्च सदन ने खारिज कर दिया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने चर्चा के दौरान बताया कि 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियाँ थीं, जिनसे मात्र 163 करोड़ रुपये की आय हुई थी। 2013 में बदलाव के बावजूद यह आय केवल तीन करोड़ रुपये ही बढ़ पाई। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्तियाँ मौजूद हैं।

मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए विधेयक

मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, उनके प्रशासन और निगरानी को लेकर एक ठोस ढांचा प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार किसी भी रूप में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन नहीं करती और इसमें किसी भी बाहरी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी अफवाहें इस विधेयक को लेकर फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह निराधार हैं।

इस विधेयक के पारित होने से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन हो और वे उन लोगों के लिए उपयोगी साबित हों, जिनके कल्याण के लिए इनका मूल उद्देश्य था। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और आशा जताई कि यह कानून समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करने में सहायक होगा।

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