PM MODI नरेन्द्र मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ को एक महीने में सबसे अधिक पंजीकरण के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित

By Hindustan Uday

🕒 Published 3 hours ago (10:37 AM)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख पहल, परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी), जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा मायगव के सहयोग से 2018 से सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है, को “एक महीने में किसी नागरिक सहभागिता मंच पर सबसे अधिक लोगों के पंजीकरण” के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह मान्यता मायगव प्लेटफॉर्म पर आयोजित इस कार्यक्रम के 8वें संस्करण के दौरान प्राप्त 3.53 करोड़ वैध पंजीकरणों की अभूतपूर्व उपलब्धि का उत्सव मनाती है। परीक्षा पे चर्चा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित एवं संचालित एक ऐसा अनूठा वैश्विक मंच है, जहां वे विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से सीधे संवाद करते हैं। यह पहल परीक्षा के मौसम को सकारात्मकता, तैयारी और उद्देश्यपूर्ण शिक्षा के उत्सव में बदल देती है, जिससे परीक्षाएं तनाव के बजाय प्रोत्साहन का एक अवसर बन जाती हैं।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र प्रदान

नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में आधिकारिक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाणपत्र औपचारिक रूप से प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान; केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे तथा सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव; केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री जितिन प्रसाद; स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री संजय कुमार; मायगव के सीईओ श्री नंद कुमारम; और शिक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अन्य प्रमुख हितधारक भी उपस्थित थे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक श्री ऋषि नाथ ने इस रिकॉर्ड को मान्य और घोषित किया।

समावेशी शिक्षा के प्रति देश की सामूहिक प्रतिबद्धता

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, तनाव को सीखने के उत्सव में बदलकर परीक्षा पे चर्चा को परीक्षाओं के प्रति एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के रूप में पुनर्परिभाषित किया गया है। श्री प्रधान ने बताया कि 2025 में पीपीसी के 8वें संस्करण को सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुल 21 करोड़ से अधिक दर्शकों ने देखा। उन्होंने आगे कहा कि पीपीसी 2025 में हुई भारी भागीदारी को समग्र एवं समावेशी शिक्षा के प्रति देश की सामूहिक प्रतिबद्धता और विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ समन्वय के रूप में देखा जा रहा है।

स्वास्थ्य एवं तनाव-मुक्त शिक्षा को बढ़ावा

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव ने परीक्षा पे चर्चा को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक ऐसी अनूठी पहल बताया, जो विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को एक साथ लाकर उनके स्वास्थ्य एवं तनाव-मुक्त शिक्षा को बढ़ावा देती है। उन्होंने इस अमृत काल में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करियर के व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला और कहा कि सबसे अधिक पंजीकरण का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड इस पहल में जनता के मजबूत विश्वास को दर्शाता है। श्री जितिन प्रसाद ने शासन को और अधिक सहभागी बनाने की दिशा में मायगव के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे मायगव ने नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाने और परीक्षा पे चर्चा की पहुंच को देशव्यापी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है।

संज्ञानात्मक कौशल विकसित करने को प्रोत्साहन

एनईपी 2020 तनाव-मुक्त और आनंदपूर्ण शिक्षा पर ज़ोर देती है। यह रटकर सीखने की प्रवृत्ति से हटकर अनुभवात्मक शिक्षा पर आधारित महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक कौशल विकसित करने को प्रोत्साहित करती है। अपनी शुरुआत से ही, परीक्षा पे चर्चा एक ऐसे राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है जो परीक्षाओं को आत्म-अभिव्यक्ति और विकास के अवसरों में बदल देता है। व्यक्तिगत संवादों के जरिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी समय प्रबंधन, डिजिटल विकर्षणों, सचेतनता तथा भावनात्मक दृढ़ता जैसी प्रमुख चुनौतियों का समाधान करते हैं और विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों को व्यावहारिक मार्गदर्शन व प्रेरणा प्रदान करते हैं।

पीपीसी 2025 की सफलता एक सामूहिक उपलब्धि है और इस उपलब्धि में योगदान देने वाले सभी हितधारकों, शैक्षणिक संस्थानों एवं नागरिकों की मंत्रियों द्वारा सराहना की गई है। सहभागी शासन एवं समग्र शिक्षा को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता अटल है। इस कार्यक्रम की समावेशिता, डिजिटल पहुंच और रचनात्मक दृष्टिकोण भारत में विद्यार्थियों के साथ जुड़ाव की नींव के रूप में इसकी निरंतर सफलता सुनिश्चित करते हैं। हर गुजरते वर्ष  के साथ, पीपीसी इस संदेश को पुष्ट करता है कि परीक्षाएं अंत नहीं, बल्कि एक शुरुआत हैं।

 

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