PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद: मोहम्मद यूनुस को लिखी चिट्ठी; ‘हमारे रिश्तों की नींव है बलिदान’

By Pragati Tomer

🕒 Published 4 months ago (5:27 AM)

PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद: मोहम्मद यूनुस को लिखी चिट्ठी; ‘हमारे रिश्तों की नींव है बलिदान’

नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच हमेशा से ही गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। यह संबंध सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक भी हैं, जिनकी नींव 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान रखी गई थी। इस संघर्ष के समय भारत ने बांग्लादेश का खुलकर समर्थन किया और इसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश को मुक्ति संग्राम की याद दिलाई और भारत-बांग्लादेश के मजबूत संबंधों को पुनः प्रकट किया।

मुक्ति संग्राम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं था, बल्कि यह एक पूरी जनता के अपने अस्तित्व और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई थी। भारत ने इस संघर्ष में बांग्लादेश का साथ देकर दिखाया कि यह एक गहरा मानवीय और सांस्कृतिक संबंध है। यह वही संघर्ष था जिसने भारत और बांग्लादेश के बीच आज तक चले आ रहे रिश्ते की नींव रखी। इसलिए जब PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद, उन्होंने सिर्फ इतिहास को नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच की भावनाओं को भी जीवित किया।

PM मोदी का भावनात्मक पत्र
PM मोदी द्वारा लिखे गए इस पत्र में स्पष्ट रूप से यह देखा जा सकता है कि वे बांग्लादेश के साथ संबंधों को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं। पत्र में उन्होंने कहा, “मुक्ति संग्राम की भावना आज भी हमारे रिश्तों के मार्गदर्शन के रूप में कार्य करती है।” मोदी ने कहा कि यह दिन दोनों देशों के साझा इतिहास और बलिदानों का प्रतीक है, जिसने भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को मजबूत किया है। इस पत्र ने न केवल राजनीतिक, बल्कि भावनात्मक रूप से भी दोनों देशों के बीच के बंधन को मजबूत करने का काम किया।

यूनुस से द्विपक्षीय वार्ता की इच्छा
इस बीच, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भी BIMSTEC शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय वार्ता की इच्छा जताई है। यह वार्ता दोनों देशों के बीच वर्तमान में चल रहे कुछ मुद्दों को हल करने के प्रयासों का हिस्सा हो सकती है। हालाँकि, PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद के साथ-साथ, वे द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत बनाने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं।

PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद

रिश्तों की नींव है बलिदान
यह केवल राजनीतिक वार्ताएं नहीं हैं जो भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को मजबूत करती हैं, बल्कि यह वह बलिदान हैं जो इन रिश्तों की नींव बने हुए हैं। पीएम मोदी ने अपने पत्र में इस बात को स्पष्ट किया कि 1971 के संघर्ष के दौरान जो बलिदान दिए गए, वे सिर्फ उस समय की घटनाओं तक सीमित नहीं थे। उन्होंने कहा कि “हमारे संबंधों की नींव बलिदान है।” PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद, और यह कहा कि यह बलिदान आज भी हमारे संबंधों को एक दिशा देता है और हमें एक-दूसरे की समृद्धि के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।

बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
इस पत्र के बाद, बांग्लादेश की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। बांग्लादेश ने भी भारत के इस सहयोग और समर्थन की सराहना की है। मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की इच्छा जताकर यह संकेत दिया है कि वे दोनों देशों के बीच के संबंधों को और गहरा बनाने के इच्छुक हैं। PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद और साथ ही बांग्लादेश को यह भी याद दिलाया कि दोनों देशों के संबंध किसी राजनीतिक समझौतों पर नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित हैं।

बीम्सटेक शिखर सम्मेलन में दोनों नेता
PM मोदी और मोहम्मद यूनुस जल्द ही बैंकॉक में होने वाले BIMSTEC शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। यह शिखर सम्मेलन भारत और बांग्लादेश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है। दोनों नेता आपसी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं और भविष्य की साझेदारियों पर भी विचार कर सकते हैं। PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद, और यह संभावना है कि इस शिखर सम्मेलन में भी बांग्लादेश और भारत के रिश्तों पर गहराई से विचार किया जाएगा।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में चुनौतियां
हालांकि दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं, लेकिन हाल के दिनों में कुछ चुनौतियाँ भी आई हैं। खासतौर पर बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों ने भारत की चिंताओं को बढ़ाया है। हालांकि, बांग्लादेश ने यह स्पष्ट किया है कि यह हमले सांप्रदायिक नहीं बल्कि राजनीति से प्रेरित हैं। फिर भी, PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद, और दोनों देशों के बीच के संबंधों को फिर से गहराई से देखा जा रहा है।

मोहम्मद यूनुस की भारत यात्रा की इच्छा
मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में यह इच्छा भी व्यक्त की थी कि वे भारत आकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलें। हालांकि, इस संबंध में भारत की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद, और इससे यह स्पष्ट है कि वे दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं।

निष्कर्ष
PM मोदी ने बांग्लादेश को दिलाई मुक्ति संग्राम की याद और इस पत्र के माध्यम से उन्होंने भारत और बांग्लादेश के बीच के ऐतिहासिक संबंधों को पुनः प्रकट किया। यह पत्र सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच के भावनात्मक संबंधों का प्रतीक है। पीएम मोदी ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि भारत और बांग्लादेश के संबंध किसी भी राजनीतिक या आर्थिक समझौतों से परे हैं।

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