‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद PM मोदी से मिला डेलीगेशन, ओवैसी की गैरहाज़िरी पर उठे सवाल

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By Hindustan Uday

🕒 Published 2 months ago (11:21 AM)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति और वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल हाल ही में दुनिया की कई राजधानियों का दौरा कर लौटा है।

प्रधानमंत्री के साथ हुई इस अनौपचारिक बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के रुख को गंभीरता से लिया और समर्थन भी जताया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विशेष रूप से इस प्रयास को सकारात्मक बताया और सुझाव दिया कि इस तरह की पहल को आगे भी जारी रखा जाना चाहिए।

ओवैसी की गैरमौजूदगी बनी चर्चा का विषय

हालांकि इस बैठक में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। कई लोगों ने इसे लेकर सवाल उठाए, लेकिन ओवैसी ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी गैरहाजिरी का कारण एक निजी चिकित्सा आपात स्थिति थी। वे दुबई में अपने बचपन के दोस्त और रिश्तेदार की तबीयत खराब होने के कारण तत्काल विदेश रवाना हुए।
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को पहले ही सूचित कर दिया था और यह फैसला किसी भी राजनीतिक कारण से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत मजबूरी से लिया गया।

भारत की आवाज़ को मिला वैश्विक समर्थन

केंद्र सरकार ने पहले ही 50 से अधिक सदस्यों वाले सात प्रतिनिधिमंडलों के कार्य की सराहना की है। इन प्रतिनिधिमंडलों में वर्तमान सांसदों के साथ-साथ पूर्व सांसद, पूर्व राजनयिक और अन्य अनुभवी लोग भी शामिल थे। उन्होंने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय संघ में भारत के रुख को मजबूती से रखा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की अपील की।

प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर, गुलाम नबी आजाद, सलमान खुर्शीद, और असदुद्दीन ओवैसी जैसे वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी इस अभियान को सर्वदलीय स्वरूप देती है, जिससे भारत की नीति को न सिर्फ घरेलू समर्थन मिला, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी और प्रभावी बन गई।

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