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PM Modi Japan China Visit: भारत-अमेरिका तनाव के बीच मोदी की एशिया यात्रा, व्यापार और सुरक्षा पर रहेगा फोकस

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार से शुरू हो रही चार दिवसीय एशिया यात्रा पर जापान और चीन जाएंगे। इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि भारत-अमेरिका संबंध हाल के महीनों में व्यापारिक तनाव और शुल्क नीतियों के कारण चुनौतीपूर्ण स्थिति में हैं। ऐसे समय में मोदी की यह यात्रा न केवल आर्थिक रिश्तों को गहरा करने बल्कि क्षेत्रीय शांति और संतुलन स्थापित करने के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

भारत-अमेरिका तनाव के बीच अहम कूटनीतिक पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना होने से पहले कहा कि यह दौरा भारत की ‘‘राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और हितों’’ को आगे बढ़ाने में मददगार होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि जापान और चीन की यह यात्रा एशिया और वैश्विक स्तर पर शांति, स्थिरता और सतत विकास में योगदान देगी।

जापान यात्रा : निवेश, तकनीक और रक्षा साझेदारी पर जोर

मोदी 29-30 अगस्त को जापान में रहेंगे। वहां वे प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे। इस दौरान उम्मीद है कि जापान भारत में निवेश को दोगुना करने की घोषणा करेगा।
दोनों देश रक्षा, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नई प्रौद्योगिकियों में सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने पर भी सहमत हो सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत-जापान ‘‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’’ को और गहराई देने का प्रयास करेंगे।

चीन यात्रा : सीमा विवाद के बाद रिश्तों में सुधार की कोशिश

जापान यात्रा के बाद मोदी 31 अगस्त को चीन के तियानजिन शहर पहुंचेंगे। 1 सितंबर को उनकी मुलाकात राष्ट्रपति शी चिनफिंग से होगी। चर्चा का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने का रहेगा। माना जा रहा है कि दोनों देश तनाव घटाने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के उपायों पर बात करेंगे।

एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत की सक्रिय भूमिका

मोदी इस यात्रा के दूसरे चरण में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे। यहां वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत अन्य सदस्य देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एससीओ का ‘‘सक्रिय और रचनात्मक सदस्य’’ है और अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने स्वास्थ्य, नवाचार और सांस्कृतिक सहयोग से जुड़ी कई पहलें की हैं।

यात्रा का महत्व

मोदी की यह यात्रा न केवल निवेश और तकनीक को लेकर नए अवसर खोलेगी बल्कि चीन के साथ बिगड़े संबंधों को पटरी पर लाने का एक अवसर भी साबित हो सकती है। एशियाई देशों के साथ भारत की साझेदारी इस समय अमेरिका के साथ बढ़ते मतभेदों के बीच और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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