🕒 Published 3 months ago (11:23 AM)
भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान में पानी को लेकर तनाव गहराता जा रहा है। इसी मुद्दे पर सिंध प्रांत में हालात बेकाबू हो गए हैं। मंगलवार को सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर के नौशहरो फिरोज स्थित आवास पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया और घर को आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने न केवल मंत्री के घर को जलाया, बल्कि अंदर रखी वस्तुएं और बाहर खड़े वाहनों को भी फूंक डाला।
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार सिंधु नदी पर छह नई नहरें बनाने की योजना पर काम कर रही है, जो पंजाब प्रांत के चोलिस्तान इलाके की सिंचाई के लिए होंगी। इससे सिंध प्रांत के लोग खासे नाराज हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उनके हिस्से का पानी पंजाब को दिया जा रहा है। इसी को लेकर सिंध में विरोध तेज हो गया है और हाईवे तक जाम किए जा रहे हैं।
इस बीच, भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 के सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया था। यह समझौता सिंधु और उसकी सहायक नदियों – झेलम और चेनाब – से पाकिस्तान को पानी देने से जुड़ा था। अब भारत इन नदियों पर बन रही बांध परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने की तैयारी में है।
पाकिस्तान सरकार चिंतित है कि अगर भारत ने पानी रोका या बाढ़ जैसे हालात बनाए, तो इससे देश में भारी संकट पैदा हो सकता है। 2022 की विनाशकारी बाढ़ से अभी पाकिस्तान उबर नहीं पाया है। ऐसे में एक और प्राकृतिक आपदा उसकी कमर तोड़ सकती है।
दूसरी तरफ, चीन भी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात नदी पर मोहमंद बांध परियोजना को तेजी से पूरा करने में मदद कर रहा है ताकि बिजली उत्पादन, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके।
अब देखने वाली बात होगी कि सिंधु जल विवाद के इस बढ़ते भूचाल को पाकिस्तान सरकार किस तरह संभालती है और क्या कोई समाधान निकल पाता है, या फिर हालात और ज्यादा बिगड़ेंगे।