Pakistan Crisis :भारत की रणनीति से पहले ही हांफ गया पाकिस्तान, हर दिन खर्च कर रहा अरबों रुपये

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (7:56 AM)

नई दिल्ली 6 मई 2025। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक अहम रणनीतिक मोड़ देखने को मिला है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने प्रत्यक्ष युद्ध की बजाय कूटनीतिक और रणनीतिक कदमों से पाकिस्तान को कमजोर करने की नीति अपनाई है। इसका असर यह है कि पाकिस्तान युद्ध की नौबत से पहले ही भारी आर्थिक दबाव में आ गया है।

रोजाना खर्च हो रहे 4 अरब पाकिस्तानी रुपये

जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है और अब भारत से तनाव के चलते उसे सीमा पर अलर्ट रहने, सैन्य तैनाती बढ़ाने और हथियारों की सप्लाई जैसे कदमों के कारण रोजाना करीब 4 अरब पाकिस्तानी रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। यह खर्च सिर्फ तैयारी के स्तर पर हो रहा है, युद्ध तो अभी दूर की बात है।

सालाना बजट में भी दिखा असर

पाकिस्तान का सालाना सैन्य बजट करीब 7.5 अरब डॉलर है, लेकिन भारत के साथ बढ़ते तनाव के चलते सिर्फ हाई अलर्ट पर बने रहने की अनुमानित मासिक लागत ही करीब 400 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इससे साफ है कि पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ पर सीधा असर पड़ रहा है।

भारत की रणनीति को बताया गया ‘धीमी सजा

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह रणनीति पाकिस्तान के लिए एक ‘धीमी सजा’ की तरह काम कर रही है। यानी सीधे युद्ध की बजाय आर्थिक और कूटनीतिक घेराबंदी के जरिए पाकिस्तान को कमजोर किया जा रहा है। कई रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि पैसे की कमी के चलते पाकिस्तान को अपने कुछ सैन्य अभ्यास भी बंद करने पड़े हैं।

यूएन में भी नहीं मिला साथ

हाल ही में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बंद कमरे की बैठक बुलाई थी ताकि वह भारत पर दबाव बना सके। लेकिन इस बैठक में अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे स्थायी सदस्य देशों ने न सिर्फ पाकिस्तान से कड़े सवाल पूछे, बल्कि उसके रवैये की आलोचना भी की। यहां तक कि चीन जैसे पारंपरिक सहयोगी ने भी उसका साथ देने से परहेज किया।

भारत के फैसलों से गहराया संकट

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई ठोस कदम उठाए हैं जिनमें व्यापारिक संबंधों पर रोक, पाकिस्तानी जहाजों की भारतीय बंदरगाहों में एंट्री बैन, सोशल मीडिया पर पाक हस्तियों के अकाउंट सस्पेंड करना, सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार और वैश्विक मंचों पर कूटनीतिक घेराबंदी जैसे फैसले शामिल हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि पाकिस्तान न केवल आर्थिक रूप से पस्त हो रहा है, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी अलग-थलग पड़ता जा रहा है।

अभी जंग शुरू नहीं, लेकिन हालात कह रहे कहानी

भारत ने अभी तक प्रत्यक्ष युद्ध की कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन उसकी तैयारियों और रणनीति ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पाकिस्तान इस दबाव में खुद को संभाल पाएगा या फिर बिना युद्ध के ही वह घुटनों के बल आ जाएगा?

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