🕒 Published 1 week ago (2:13 PM)
Pakistan-Bangladesh Visa Free पाकिस्तान और बांग्लादेश ने राजनयिकों और सरकारी पासपोर्ट धारकों को वीजा-मुक्त यात्रा की अनुमति देने का फैसला किया है। ढाका में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद इस समझौते की घोषणा की गई। इसमें पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी और बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी शामिल थे। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच इस सुविधा को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है, हालांकि अभी तक इसे लागू करने की तिथि तय नहीं की गई है।
ISI एजेंटों के लिए खुले रास्ते?Pakistan-Bangladesh Visa Free
विशेषज्ञों और खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह समझौता पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को बांग्लादेश में आसान प्रवेश का रास्ता दे सकता है। बिना वीजा की सुविधा का लाभ उठाकर ISI एजेंट ढाका में दाखिल हो सकते हैं, जिससे भारत की पूर्वी और उत्तर-पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। बांग्लादेश में पहले से ही सक्रिय कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों को इस तरह की गतिविधियों से बल मिल सकता है। बीते एक वर्ष में वहां इन संगठनों की सक्रियता और प्रभाव में स्पष्ट वृद्धि देखी गई है ।
पाक-बांग्लादेश संबंधों में तेजी भारत के लिए चेतावनी
बैठक में आतंकवाद, आंतरिक सुरक्षा, पुलिस ट्रेनिंग, ड्रग तस्करी और मानव तस्करी जैसे विषयों पर सहयोग बढ़ाने की बात हुई। दोनों देश इन मुद्दों पर संयुक्त कार्य समूह और सहयोगी तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा, दोनों देशों की पुलिस अकादमियों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने की योजना भी बनी है, जिसके तहत बांग्लादेश का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस्लामाबाद का दौरा करेगा।
भारत-विरोधी चेहरा: जहांगीर चौधरी
बैठक के दौरान बांग्लादेश की ओर से पाकिस्तानी मंत्री का स्वागत करने वाले जहांगीर आलम चौधरी, भारत-विरोधी बयानों और रवैए के लिए पहले से ही बदनाम हैं। पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी बयान में चौधरी के हवाले से कहा गया कि यह यात्रा “द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम” है।Pakistan-Bangladesh Visa Free
भारत के लिए बढ़ती हुई रणनीतिक चुनौती,Pakistan-Bangladesh Visa Free
शेख हसीना के कार्यकाल तक पाकिस्तान-बांग्लादेश के संबंध सीमित और ठंडे थे। लेकिन मोहम्मद यूनुस की नई सरकार बनने के बाद से ढाका का झुकाव पाकिस्तान की ओर स्पष्ट रूप से बढ़ा है। केवल कूटनीतिक संपर्क ही नहीं, बल्कि व्यापारिक गतिविधियां भी दोनों देशों के बीच बढ़ रही हैं। इस बीच, चीन और तुर्की जैसे राष्ट्र भी बांग्लादेश में अपने प्रभाव को मजबूत कर रहे हैं, जिससे भारत के लिए पूर्वी सीमा पर बहुस्तरीय खतरा उभर रहा है।
नजर रखने की जरूरत
भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह पाकिस्तान-बांग्लादेश के रिश्तों में हो रही इस बढ़त पर सतर्क निगाहें बनाए रखें । खासकर ISI की गतिविधियों और कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती ताकत को देखते हुए यह समझौता एक रणनीतिक चुनौती बन सकता है।