🕒 Published 2 weeks ago (7:05 PM)
री-राइटेड न्यूज़ रिपोर्ट:
इस्लामाबाद/काबुल। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। गुरुवार सुबह अफगानिस्तान के बरमाचा सीमा क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण गोलीबारी हुई, जिससे तनाव और गहरा गया। यह इलाका पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के समानांतर स्थित है और पहले भी कई बार संघर्ष का गवाह बन चुका है।
चौकियों के निर्माण को लेकर शुरू हुआ विवाद
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, सीमा पर नई सैन्य चौकियों के निर्माण को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ, जो सुबह गोलीबारी के रूप में सामने आया। हालांकि कुछ समय बाद फायरिंग थम गई थी, लेकिन पाकिस्तान स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार दोपहर 4:30 बजे के बाद एक बार फिर झड़पें शुरू हो गईं।
पाकिस्तान ने किया टैंक और तोपों का इस्तेमाल
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना ने स्थिति को संभालने के लिए टैंक तैनात किए और अफगान सीमा पर बनी कुछ चौकियों को भारी तोपखाने से निशाना बनाया। वहीं, अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत के अंतरिम प्रशासन के अधिकारियों ने भी इन झड़पों की पुष्टि की है।
कट्टर दुश्मन बने पाक-अफगान तालिबान
जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच रिश्ते अब दुश्मनी में तब्दील हो चुके हैं। जहां एक ओर पाकिस्तान में सक्रिय तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) आए दिन हमले करता है, वहीं दूसरी ओर अफगान तालिबान उसका परोक्ष समर्थन कर रहा है। दोनों पक्ष एक-दूसरे के सैनिकों की मौत का जश्न मनाने से भी नहीं चूकते।
पुराना इतिहास भी रहा है हिंसक
यह पहली बार नहीं है जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव हुआ हो। करीब 5 महीने पहले, 28 दिसंबर को, अफगान तालिबान ने TTP के साथ मिलकर पाकिस्तान के सरहदी इलाकों पर जोरदार हमला किया था। खैबर पख्तूनख्वाह के बाजौर इलाके के सालारजई सैन्य बेस पर हुए उस हमले में 19 पाकिस्तानी जवान मारे गए थे।
उस समय पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने भी स्वीकार किया था कि जिस तालिबान को पाकिस्तान की सरकार ने वर्षों तक समर्थन दिया, अब वही उसके लिए सिरदर्द बन गया है।