Pahalgam Terror Attack
Pahalgam Terror Attack : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है। इस हमले के बाद भारत में आक्रोश फैल गया है और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं, और भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की बात दोहराई है। वहीं पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है, क्योंकि माना जा रहा है कि भारत किसी भी वक्त बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
भारत की निगाहें सबसे पहले लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद पर टिकी हैं, जो 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान के मुरिदके में स्थित लश्कर के मुख्यालय से अपने नेटवर्क को संचालित करता है। हाल ही में लाहौर में सईद के गुप्त ठिकाने की जानकारी सामने आने के बाद खुफिया हलचल तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत की संभावित कार्रवाई में उसका यह अड्डा निशाने पर हो सकता है।
भारत की सूची में अगला नाम है मसूद अजहर, जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। अजहर को 2019 के पुलवामा हमले और अन्य आतंकी वारदातों का गुनहगार माना जाता है। जैश के ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान के बहावलपुर और पीओके में रावलकोट और कोटली जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं। भारत पहले भी 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक में जैश के एक शिविर को नष्ट कर चुका है, और अब फिर ऐसी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, जो 2022 से इस पद पर हैं और इससे पहले आईएसआई के प्रमुख रह चुके हैं, उन पर भारत में आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के गंभीर आरोप लगे हैं। माना जा रहा है कि पहलगाम हमले के पीछे भी उनकी भूमिका हो सकती है। रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय को भी भारत की निगरानी सूची में रखा गया है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, आसिम मुनीर हमले के बाद रावलपिंडी के एक बंकर में छिपा हुआ था, हालांकि पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में उसकी तस्वीरें जारी कर इस दावे को खारिज करने की कोशिश की।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में लश्कर और जैश जैसे संगठनों के 17 ट्रेनिंग कैंप और 37 लॉन्च पैड सक्रिय हैं। ये शिविर भारत में घुसपैठ और आतंकी हमलों की योजना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। रावलकोट और कोटली जैसे क्षेत्र ऐसे लॉन्च पैड का गढ़ माने जाते हैं, जो सीधे कश्मीर में हिंसा फैलाने में भूमिका निभाते हैं।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) पर भी भारत की नजरें टिकी हैं। यह एजेंसी लंबे समय से भारत विरोधी आतंकी संगठनों को प्रशिक्षण, वित्तीय मदद और रणनीतिक समर्थन देती रही है। ISI का मुख्यालय इस्लामाबाद में है और पहलगाम हमले में इसकी भूमिका की जांच भी चल रही है। भारत इसे सीमा पार आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक मानता है।
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