🕒 Published 2 months ago (8:28 AM)
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी से जांच शुरू कर दी है। इस हमले में 26 पर्यटकों की दर्दनाक मौत हुई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अब इस हमले के पीछे संदिग्ध तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए हैं, जिनकी पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में हुई है। ये सभी आतंकवादी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक संगठन से जुड़े थे, जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी समूह है।
घातक हमला, पूरी प्लानिंग के साथ किया गया
यह हमला घाटी के फेमस बैसरन घास के मैदान में हुआ, जहां पर्यटकों की भारी मौजूदगी रहती है। हमले को 5-6 heavily armed आतंकियों ने अंजाम दिया, जो सैन्य जैसी कैमोफ्लाज वर्दी में थे। आतंकियों ने आसपास के घने देवदार के जंगलों से निकलकर मैदान में प्रवेश किया और AK-47 राइफलों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
इस हमले के दौरान मची अफरा-तफरी के बीच कई लोग अपनी जान बचाने में सफल नहीं हो सके। यह पूरी घटना पूर्वनियोजित थी और आतंकियों ने टूरिस्ट्स को निशाना बनाते हुए बर्बरता दिखाई।
खुफिया इनपुट्स: पाकिस्तानी आतंकी भी थे शामिल
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों की भी संलिप्तता पाई गई है। खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि ये आतंकी घाटी में कुछ दिन पहले ही घुसे थे और हमला लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद के निर्देश पर किया गया। वह इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
आतंकियों का उद्देश्य: घाटी में दहशत और अस्थिरता
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस हमले का मकसद घाटी में डर, दहशत और अस्थिरता फैलाना था। यह हमला पुलवामा (2019) के बाद का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है, जिसने एक बार फिर कश्मीर में शांति व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
इस हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में हमले के बाद की स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।