Pahalgam Terror Attack : पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती, 1500 से ज्यादा लोग हिरासत में, व्यापक पूछताछ जारी

Photo of author

By Rita Sharma

🕒 Published 2 months ago (3:41 PM)

श्रीनगर। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, घाटी भर में विभिन्न जिलों से 1500 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हिरासत में लिए गए लोगों में ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs), पूर्व उग्रवादी और खुफिया एजेंसियों की निगरानी सूची में शामिल संदिग्ध शामिल हैं।

इस व्यापक अभियान का उद्देश्य आतंकी हमले के पीछे काम कर रहे नेटवर्क और स्लीपर सेल्स का पता लगाना है। सुरक्षाबलों की संयुक्त टीमों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमलावरों को किसने आश्रय दिया, रसद मुहैया कराई या किसी अन्य प्रकार की मदद की।

हर गतिविधि पर पैनी नजर

हमले के बाद घाटी में सुरक्षा इंतजामों को नए सिरे से मजबूत किया जा रहा है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। धार्मिक स्थलों, राजनीतिक सभाओं और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ यह अभियान अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है और किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास पर उच्चस्तरीय बैठक

हमले के बाद दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक जारी है। इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में जम्मू-कश्मीर की ताजा स्थिति और भविष्य की रणनीति पर गंभीरता से विचार हो रहा है।

उपराज्यपाल का कड़ा संदेश

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला लेने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जाए।

TRF ने ली जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है, जिसे पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए एक स्थानीय संगठन के रूप में पेश किया गया है। TRF इससे पहले भी कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है और घाटी में हिंसा फैलाने की साजिशों में संलिप्त रहा है।

जांच एजेंसियों और सुरक्षाबलों की ओर से चल रहा यह व्यापक अभियान आने वाले दिनों में और भी सख्त हो सकता है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि अब किसी भी साजिश को बख्शा नहीं जाएगा।

Leave a Comment