दिल्ली 27 अप्रैल 2025। पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से घेरने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को मजबूती से प्रस्तुत करने के लिए कई मुस्लिम देशों से बातचीत की है। विशेष रूप से, यूएई और ईरान ने इस मामले पर भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।
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यूएई और ईरान ने हमले की कड़ी निंदा की
शनिवार को यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की बात कही। मोदी ने भारत के इस दृढ़ संकल्प को फिर से दोहराया कि इस जघन्य अपराध के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, राष्ट्रपति अल नाहयान ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस बर्बर हमले की निंदा की। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी संवेदना और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
ईरान की प्रतिक्रिया और समर्थन
ईरान के राष्ट्रपति पेज़ेश्कियन ने भी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के आतंकी हमलों का कोई औचित्य नहीं हो सकता और सभी शांति प्रेमी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लोगों के गुस्से और पीड़ा को साझा करते हुए इस आतंकी हमले के पीछे के दोषियों और उनके समर्थकों से कड़ा निपटने का संकल्प लिया।
सऊदी अरब और मिस्र की मध्यस्थता की कोशिश
सऊदी अरब ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें शुरू की हैं। ईरान ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह दोनों देशों के बीच बेहतर समझ बनाने के लिए अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने को तैयार है, हालांकि भारत ने हमेशा किसी भी विदेशी मध्यस्थता का विरोध किया है। भारत ने अपने सभी राजनयिक संपर्कों के माध्यम से पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद में संलिप्तता के बारे में पूरी जानकारी दी है।
मिस्र भी इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान दोनों से बातचीत कर रहा है। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलाती ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस हमले के बारे में बात की और भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर मिस्र के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और आतंकवाद से लड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कूटनीतिक प्रयास के जरिए भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने और आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूत स्थिति को दुनिया के सामने लाने का प्रयास कर रहा है।
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