🕒 Published 2 months ago (5:10 PM)
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई अहम और निर्णायक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने पांच सख्त फैसलों की घोषणा की, जिनका असर दोनों देशों के राजनयिक और रणनीतिक रिश्तों पर साफ दिखाई देगा।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 5 बड़े कदम:
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सिंधु जल संधि स्थगित:
1960 में हुई सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह और विश्वसनीय रूप से नहीं छोड़ता, तब तक यह संधि बहाल नहीं की जाएगी। -
अटारी-बाघा बॉर्डर बंद:
भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर के चेकपोस्ट को बंद करने का फैसला लिया है। केवल वे लोग जिन्हें वैध अनुमति प्राप्त है और जो पहले से भारत में मौजूद हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक लौटने की अनुमति होगी। -
पाकिस्तानी वीजा रद्द:
भारत ने SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानियों को दी गई सभी वीजा छूटें रद्द कर दी हैं। जो पाकिस्तानी नागरिक पहले से SVES वीजा पर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। -
राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश:
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। -
भारतीय सलाहकार भी होंगे वापस बुलाए:
भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। उच्चायोग में इन पदों को अब समाप्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा, दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 55 से 30 की जाएगी।
सरकार के सख्त रुख के संकेत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कार्रवाई आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का हिस्सा है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल हमलावरों पर ही नहीं, बल्कि उनके मददगारों और शरणदाताओं पर भी कार्रवाई करेगी।
इससे पहले CCS बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इस हमले पर विस्तृत चर्चा की और पाकिस्तान की संलिप्तता के संकेतों के आधार पर यह कठोर निर्णय लिए गए।
भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश गया है कि अब आतंकवाद के प्रति भारत का रुख बिल्कुल असहिष्णु है।