🕒 Published 6 days ago (7:14 PM)
नई दिल्ली | Pahalgam Attack Discussion In Parliament: संसद के मानसून सत्र में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी भरा संदेश देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारने से भी नहीं हिचकेगा।
ऑपरेशन सिंदूर: चर्चा की शुरुआत
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में अपने 55 मिनट से अधिक लंबे भाषण में साफ किया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है और इस पूरे अभियान में सेना को किसी तरह की हानि नहीं हुई। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी को देश की सुरक्षा और सेना के पराक्रम के साथ खड़ा होना चाहिए।
राजनाथ सिंह की 10 बड़ी बातें
1. गोलाबारी रोकने की असली वजह
उन्होंने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की थी। 12 मई को हुई बातचीत के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी।
2. शेर मेंढक नहीं मारता
पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए राजनाथ बोले, “लड़ाई हमेशा बराबरी वालों से की जाती है, शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता। भारत पाकिस्तान से मुकाबला कर अपना स्तर खराब नहीं करेगा, लेकिन आतंकवाद को समर्थन देने वालों को यह संदेश मिल चुका है कि भारत अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है।”
3. एकता ही सबसे बड़ी ताकत
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समय राजनीतिक और सामाजिक एकता को मजबूत करने का है। उन्होंने मंत्र ‘संगच्छध्वं संवदध्वं’ का उल्लेख करते हुए सभी दलों से एकजुट होकर सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा का आह्वान किया।
4. आतंकियों के घर में घुसकर मारेंगे
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया को दिखाया है कि जरूरत पड़ने पर आतंकियों को सरहद के पार भी मार गिराया जाएगा।
5. SCO मीटिंग में भारत का स्टैंड
हाल ही में चीन में हुई SCO डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक आतंकवाद पर भारत का रुख शामिल नहीं होगा, कोई संयुक्त बयान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
6. BRICS सम्मेलन में ऐतिहासिक निंदा
उन्होंने याद दिलाया कि ब्रिक्स सम्मेलन के इतिहास में पहली बार जम्मू-कश्मीर के आतंकी हमले की खुलकर निंदा की गई, वह भी चीन की मौजूदगी में – यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत थी।
7. प्रणब मुखर्जी की किताब का उल्लेख
राजनाथ ने कहा कि मुंबई हमलों पर प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब द कोएलिशन ईयर्स में लिखा है कि उस समय पाकिस्तान ‘नॉन-स्टेट एक्टर्स’ का बहाना बना रहा था, लेकिन दुनिया को भारत की बात पर भरोसा था।
8. मुंबई हमले के बाद मिस्ड मौका
उन्होंने बताया कि उस समय विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय पर मिसाइल हमले का सुझाव दिया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इसे ठुकरा दिया।
9. निर्णायक कदमों की कमी
राजनाथ ने कहा कि अगर उस समय सरकार ने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक या 2019 की एयर स्ट्राइक जैसे कदम उठाए होते, तो पाकिस्तान की रणनीति बदल जाती।
10. ऑपरेशन सिंदूर और वैश्विक कूटनीति
22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद 6–7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। इसके बाद भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों में भेजकर पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने रखी। ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, जापान, यूएई समेत कई देशों ने भारत के जीरो टॉलरेंस रुख का समर्थन किया।
राजनाथ सिंह ने संसद से आह्वान किया कि पूरे देश को सेना के पराक्रम और सरकार के संकल्प का साथ देना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि भारत की नीति शांति की है, लेकिन आतंकवाद पर “करारा जवाब” ही एकमात्र विकल्प है।