नई दिल्ली। पैदल चलना एक आसान और प्रभावशाली व्यायाम है जो दिल की सेहत सुधारने, वजन घटाने और मानसिक तनाव कम करने में मदद करता है। लेकिन जैसा कि कहा गया है, “अति सर्वत्र वर्ज्यते”, यानी किसी भी चीज़ की अति नुकसानदायक होती है — यह बात वॉकिंग पर भी लागू होती है। जरूरत से ज्यादा पैदल चलना शरीर पर कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं इसके संभावित दुष्प्रभाव:
लंबी दूरी तक चलने से घुटनों, टखनों और कूल्हों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे सूजन, दर्द और गठिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लगातार वॉकिंग से मांसपेशियाँ थक जाती हैं और उनमें खिंचाव या माइक्रो टियरिंग हो सकती है, जिससे ऐंठन और दर्द हो सकता है।
अत्यधिक पैदल चलने से शरीर की ऊर्जा खत्म हो सकती है, जिससे व्यक्ति कमजोर, थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करता है।
ज्यादा वॉकिंग से शरीर में कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ सकता है, जो नींद, पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है।
शरीर पर अधिक स्ट्रेस होने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है और शरीर फैट स्टोर करने लगे, जिससे वजन घटाने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
हर दिन अत्यधिक चलने से अगर डाइट संतुलित न हो, तो बोन डेंसिटी घट सकती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
note: वॉकिंग को अपनी दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें, लेकिन संतुलन बनाए रखें। ओवर वॉकिंग से बचना, सेहत के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना वॉक करना।
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