भारत के सबसे बड़े हथकरघा केंद्रित हैकथॉन में 400 से अधिक युवा प्रतिभाएं जुटीं

By Hindustan Uday

🕒 Published 11 hours ago (12:26 PM)

अपनी तरह का पहला “हैंडलूम हैकथॉन” आईआईटी दिल्ली के डोगरा हॉल में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस हैकथॉन में देशभर से आई 250 विशिष्ट टीमों के 400 से अधिक प्रतिभागियों ने हथकरघा क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए अभिनव समाधान प्रस्तुत किए। वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत विकास आयुक्त (हथकरघा) द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय नवाचार चैलेंज ने पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए एक नया मानक स्थापित किया है।

हथकरघा क्षेत्र के भविष्य के प्रति जबरदस्त भरोसा

हैंडलूम हैकथॉन का उद्घाटन करते हुए विकास आयुक्त (हथकरघा) डॉ. एम बीना ने कहा कि आज के हैकथॉन ने हमारी अपेक्षाओं से अधिक यह प्रदर्शित किया है कि युवा अन्वेषक किस प्रकार हमारे हथकरघा समुदाय के लिए सार्थक समाधान तैयार कर सकते हैं। विकास आयुक्त (हथकरघा) ने कहा कि इन टीमों द्वारा प्रदर्शित ऊर्जा, रचनात्मकता और व्यावहारिक फोकस से हमें हमारे हथकरघा क्षेत्र के भविष्य के प्रति जबरदस्त भरोसा मिलता है।1,500 से अधिक प्रारंभिक आवेदनों की जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद, इस प्रतियोगिता ने कश्मीर से कन्याकुमारी और सिलचर से कच्छ तक के प्रतिभाशाली लोगों का ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें भारत के प्रमुख भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थानों और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थानों की मजबूत भागीदारी है।

शिक्षा जगत और उद्योग के बीच एक अद्वितीय सहयोग

यह हैकथॉन सरकार, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच एक अद्वितीय सहयोग का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें डीसी/हैंडलूम्स राष्ट्रीय डिजाइन केंद्र, फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आईआईटी दिल्ली (एफआईटीटी-आईआईटीडी), आईआईटी दिल्ली एलुमनाई एसोसिएशन, टीआईडीईएस इनक्यूबेटर और थिंकस्टार्टअप जैसे प्रमुख इकोसिस्टम समर्थकों के साथ साझेदारी कर रहा है।

दो दिवसीय प्रतियोगिता में टीमों को तीन महत्वपूर्ण विषयों पर चैलेंज:

डिजाइन और हथकरघा कार्यकलापों में नवाचार: स्मार्ट प्रोडक्शन ट्रैकिंग, प्रक्रिया दक्षता और एर्गोनोमिक समाधान
बाजार पहुंच और डिजिटल एकीकरण: बाजार से सीधा संपर्क, प्रामाणिकता सत्यापन और डिजिटल स्टोरीटेलिंग
स्थिरता और पर्यावरणीय प्रभाव: पर्यावरण अनुकूल रंगाई, जल संरक्षण, चक्रीय अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा समाधान
टीमों ने चार प्रगतिशील राउंड- विचार, अनुसंधान और सत्यापन, निर्माण, और अंतिम प्रस्तुति – के माध्यम से पूरे दिन हथकरघा बुनकरों के साथ निरंतर बातचीत की, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि समाधान वास्तविक कारीगरों की जरूरतों और बाजार की वास्तविकताओं पर आधारित रहें।

हैकथॉन का तत्काल कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित

हैकथॉन ने तत्काल कार्यान्वयन पर अनोखे तरीके से ध्यान केंद्रित किया। विजेता समाधानों का चयन न केवल नवाचार के लिए, बल्कि वास्तविक दुनिया में उनके कार्यान्वयन की क्षमता के आधार पर भी किया गया है। विकास आयुक्त (हथकरघा) ने सर्वश्रेष्ठ समाधानों के लिए दीर्घकालिक सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जिससे छात्र नवाचार से लेकर बुनकरों के सशक्तिकरण तक का मार्ग प्रशस्त होगा। एक दिवसीय कार्यक्रम में विशेषज्ञ वार्ता, मेंटर गाइडेंस और उद्योग जगत के प्रमुखों द्वारा कड़ा मूल्यांकन किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि उभरते समाधान भारत के हथकरघा इकोसिस्टम के लिए तकनीकी रूप से सुदृढ़ और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हों।

भविष्य के हथकरघा उद्योग को मजबूत बनाना

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2025 समारोह के मुख्य आकर्षण के रूप में, आज के हैकथॉन ने इस क्षेत्र के सांस्कृतिक सारतत्व को संरक्षित करते हुए इसके आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और पुष्ट किया है। इस पहल ने स्थायी आजीविका, बढ़ी हुई बाज़ार पहुंच और वैश्विक वस्त्र उद्योग में एक प्रतिस्पर्धी क्षेत्र के रूप में हथकरघा को स्थापित करने के लिए एक मॉडल तैयार किया है। घोषित विजेता समाधान हथकरघा नवाचार में एक नए अध्याय का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके कार्यान्वयन की रूपरेखा व्यापक हथकरघा इकोसिस्टम के साथ साझेदारी में विकसित की जा रही है।

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