Operation Sky Shield : रूस के खिलाफ यूरोप का बड़ा कदम, बढ़ा तनाव

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By Pragati Tomer

Operation Sky Shield : रूस के खिलाफ यूरोप का बड़ा कदम, बढ़ा तनाव

यूक्रेन में जारी युद्ध ने वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों को हिला कर रख दिया है। अब इस युद्ध में यूरोप एक नए और अहम मोर्चे पर उतरता दिखाई दे रहा है। यूरोपीय संघ (EU) ने ‘Operation Sky Shield’ के नाम से एक योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन की रक्षा को और भी मजबूत करना है। इस योजना में मुख्य रूप से यूक्रेन की वायु रक्षा को समर्थन देने के लिए 120 लड़ाकू विमानों की तैनाती का प्रस्ताव है। इस बीच, इस कदम से रूस और यूरोप के बीच तनाव बढ़ने की पूरी संभावना है, जिससे परमाणु युद्ध का खतरा भी मंडराने लगा है।

क्या है Operation Sky Shield?

Operation Sky Shield एक व्यापक योजना है, जिसका मकसद यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से की क्रूज मिसाइल हमलों से रक्षा करना है। इस ऑपरेशन के तहत यूरोप के कई देशों के लड़ाकू विमान यूक्रेन की वायु सेना के साथ मिलकर काम करेंगे। यह कदम यूरोपीय संघ की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें यूक्रेन की हवाई सुरक्षा को मजबूत कर पूर्वी मोर्चे पर उसके ध्यान को केंद्रित करने में मदद की जाएगी।

Operation Sky Shield की योजना से जुड़ी चर्चाओं के दौरान यह बात सामने आई है कि यह मिशन यूक्रेन में सीधे सैनिकों की तैनाती से अधिक प्रभावी साबित हो सकता है। इसका प्रमुख उद्देश्य यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सुरक्षित रखना और रूस के लगातार हो रहे क्रूज मिसाइल हमलों का मुकाबला करना है।

Operation Sky Shield से परमाणु युद्ध का खतरा?

इस योजना की शुरुआत में ही परमाणु सुरक्षा की बात उठने से कई देश चिंतित हो गए हैं। फ्रांस ने ऑपरेशन में आगे बढ़ते हुए यूक्रेन को अपनी ‘न्यूक्लियर अंब्रेला’ प्रदान करने की पेशकश की है। इसका मतलब यह है कि फ्रांस, यूक्रेन को परमाणु सुरक्षा देने के लिए तैयार है, जिससे यह संभावना बढ़ जाती है कि युद्ध एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच सकता है। यूरोप का यह कदम रूस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, जिससे उसे और भी आक्रामक कार्रवाई करने का मौका मिल सकता है।

Operation Sky Shield के प्रमुख उद्देश्य

Operation Sky Shield के अंतर्गत जो मुख्य उद्देश्य हैं, वे निम्नलिखित हैं:

  1. यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करना: यूरोपीय संघ के लड़ाकू विमान यूक्रेनी वायु सेना के साथ मिलकर देश की रक्षा करेंगे।

  2. महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा: यूक्रेन के महत्वपूर्ण इमारतों, एयरपोर्ट, और ऊर्जा संयंत्रों को मिसाइल हमलों से बचाना इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य होगा।

  3. रूस के मिसाइल हमलों का सामना करना: Operation Sky Shield के तहत यूक्रेन पर हो रहे क्रूज मिसाइल हमलों को रोकने के लिए यूरोपीय विमान और वायु रक्षा प्रणाली की तैनाती की जाएगी।

NATO और Operation Sky Shield

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने NATO की धारा 5 को यूक्रेन तक बढ़ाने की मांग की है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो इसका मतलब होगा कि बिना NATO की सदस्यता के ही यूक्रेन को NATO की सुरक्षा प्राप्त हो जाएगी। इससे रूस के किसी भी हमले का जवाब पूरा NATO दे सकता है। Operation Sky Shield इस रणनीति का एक अहम हिस्सा है, जिसमें यूरोप अपनी सीमाओं के बाहर यूक्रेन में अपने सैनिकों और हथियारों के साथ हस्तक्षेप करने को तैयार है।

Operation Sky Shield

फ्रांस की ‘न्यूक्लियर अंब्रेला’ की पेशकश

Operation Sky Shield के तहत सबसे विवादास्पद कदम फ्रांस की ‘न्यूक्लियर अंब्रेला’ की पेशकश रही है। इस प्रस्ताव ने कई देशों को चिंता में डाल दिया है। फ्रांस की इस पहल का उद्देश्य यूक्रेन को परमाणु हमलों से सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, इस कदम से युद्ध के और भी खतरनाक होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि परमाणु हथियारों की तैनाती से स्थिति और गंभीर हो सकती है।

फ्रांस के इस कदम ने यूरोपीय देशों के बीच बहस छेड़ दी है कि क्या यह परमाणु छत्रछाया देने का सही समय है या नहीं। कई यूरोपीय नेता मानते हैं कि Operation Sky Shield के तहत इतनी बड़ी परमाणु तैनाती से स्थिति बेकाबू हो सकती है।

रूस का संभावित जवाब

Operation Sky Shield की घोषणा के बाद रूस ने यूरोपीय देशों को चेतावनी दी है कि अगर यूरोप के लड़ाकू विमान युद्ध में शामिल होते हैं, तो वह इसे यूरोप की सीधी सैन्य भागीदारी मानेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा। रूस पहले ही कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि वह किसी भी यूरोपीय हस्तक्षेप को सहन नहीं करेगा और इसके खिलाफ कठोर कदम उठाएगा।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी Operation Sky Shield की योजना पर कड़ा एतराज जताया है। उनका मानना है कि यूरोप का यह कदम रूस की संप्रभुता के खिलाफ सीधा हमला है, जिसका जवाब देना जरूरी होगा।

यूरोप में मतभेद

Operation Sky Shield को लेकर यूरोप में भी मतभेद सामने आ रहे हैं। जहां कुछ देश इस ऑपरेशन के समर्थन में हैं और इसे यूक्रेन के लिए एक जरूरी कदम मानते हैं, वहीं कुछ देश इससे बचने की वकालत कर रहे हैं। यह मतभेद यूरोपीय संघ के भीतर तनाव को बढ़ा सकता है।

  1. सीधी सैन्य भागीदारी: अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की है, लेकिन अपने सैनिक नहीं भेजे हैं। वहीं, Operation Sky Shield के तहत यूरोप अब लड़ाकू विमानों की तैनाती पर विचार कर रहा है।

  2. परमाणु युद्ध का खतरा: फ्रांस की ‘न्यूक्लियर अंब्रेला’ की पेशकश और NATO सुरक्षा की बात से युद्ध एक नए स्तर पर पहुंच सकता है।

  3. यूरोपीय एकता पर असर: Operation Sky Shield को लेकर यूरोपीय संघ के भीतर भी असहमति है, जो आने वाले समय में संघ के भीतर मतभेद को बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष

Operation Sky Shield यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम साबित हो सकता है। यह योजना न केवल यूक्रेन की वायु सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि रूस के साथ यूरोप के तनाव को भी बढ़ा सकती है। परमाणु सुरक्षा की चर्चा से युद्ध के और गंभीर हो जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, यूरोपीय संघ की इस योजना को लेकर अभी भी कई देशों में असहमति है।

अंत में, Operation Sky Shield का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि यूरोप और रूस के बीच बातचीत कैसी होती है और आने वाले समय में क्या कदम उठाए जाते हैं। इस बीच, यूक्रेन में युद्ध की स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है, और Operation Sky Shield आने वाले दिनों में इस युद्ध को किस दिशा में मोड़ता है, यह देखने वाली बात होगी।

Operation Sky Shield से जुड़े सारे निर्णय भविष्य की वैश्विक स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे, और इस कदम का असर केवल यूरोप या रूस तक सीमित नहीं रहेगा।

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